CineGram: 14 दिसंबर को राज कपूर की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी मनाई गई। लेकिन क्या आप जानते हैं जब उनकी मौत हुई उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 63 साल थी। राज कपूर का निधन 2 जून 1988 को हुआ था। मौत से एक महीने पहले राज कपूर को दादासाहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। ये सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान होता है। मगर देखिए ना जिस वक्त भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण को राज कपूर को ये सम्मान देना था एक्टर की तबीयत बहुत खराब थी। उनकी तबीयत इतनी बिगड़ गई कि अवॉर्ड समारोह के तुरंत बाद एक्टर को एंबुलेंस से एम्स पहुंचाया गया। एक महीने तक राज कपूर एम्स में रहें और वहीं उनका निधन हो गया।
राज कपूर को अपने आखिरी दिनों में अस्थमा हो गया था, खराब सेहत के बावजूद राज कपूर अवॉर्ड लेने मुंबई से दिल्ली पहुंचे थे। समारोह से दो दिन पहले 30 अप्रैल को राज कपूर दिल्ली पहुंच गए थे। राज कपूर की बेटी और रणबीर कपूर की बुआ रीमा जैन ने फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में बताया कि जिस दिन राज कपूर दिल्ली आए थे उस दिन धूल का तूफान आया था। जैसे ही राज कपूर की प्लेन का दरवाजा खुला एक तेज धूल भरी हवा का झोंका उनसे टकराया। राज कपूर पहले से अस्थमा के मरीज थे और वो धूल भरी हवा उनके फेफड़ों को बुरी तरह प्रभावित कर गई। अवॉर्ड फंक्शन के दौरान राज कपूर बहुत बेचैन थे और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ उन्होंने इसे अटेंड किया था। अवॉर्ड फंक्शन के दौरान राज कपूर को बेचैनी हो रही थी और वो अपनी वाइफ कृष्णा का हाथ जोरों से दबा रहे थे।
जब अवॉर्ड देने के लिए राज कपूर का नाम अनाउंस हुआ तो वो सीट से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे, उनकी सांस उखड़ रही थी। वो स्टेज पर अवॉर्ड लेने नहीं पहुंच पाए तो राष्ट्रपति खुद उनकी सीट तक चलकर आए और उन्हें सम्मान दिया। जैसे ही सम्मान समारोह खत्म हुआ राज कपूर को एंबुलेंस से एम्स पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा। राज कपूर से मिलने और उन्हें देखने देश के बड़े-बड़े राजनेता पहुंचे। बताया जाता है कि 3 साल पहले साल 1985 में राम तेरी गंगा मैली फिल्म के बाद से ही उनकी तबीयत खराब होने लगी थी, उन्हें ब्रोंकिअल अस्थमा हुआ था। अपने आखिरी के दिनों में वो बोल भी नहीं पा रहे थे ना ही वो ठीक से सो पाते थे।