पिछले छह दशकों से फोटोग्राफी के क्षेत्र में नए प्रतिमान गढ़ने वाले रघु राय ने अपने 75वें जन्मदिन पर रहस्योद्घाटन किया कि वह फोटोग्राफर नहीं बनना चाहते थे। राय की आरजू संगीतकार बनने की थी। राय अपने जीवन के शुरुआती दौर में वायलिन, बांसुरी और हार्मोनियम पंसद करते थे लेकिन उनका हाथ संगीत में नहीं चला। उन्होंने कहा, बचपन में कोई मुझसे पूछता कि मैं ऐसा क्या बनना चाहूंगा, जो किसी ने नहीं किया, तो मैंने कहा होता ‘संगीतकार’। नई दिल्ली में अपनी जन्मदिन की पार्टी में राय ने कहा, फोटोग्राफर बनने की मेरी कोई योजना नहीं थी।

मेरे भाई (एस पॉल) ने फोटो ‘द टाइम्स’ को भेज दी और उन्होंने फोटो मेरे नाम के साथ आधे पृष्ठ पर प्रकाशित कर दी। इस मौके पर उनकी बेटी अवनि राय का बनाया 55 मिनट का वृत्त चित्र: रघु राय, ऐन अनफ्रेम्ड र्पोट्रेट का भी प्रदर्शन किया गया। फोटोग्राफर के रूप में उन्होंने अपने शानदार करियर में प्रकृति, लोगों और जटिल भावनात्मक दृश्यों को कैमरे में कैद किया। बांग्लादेश यु्द्ध, आपात स्थिति और भोपाल गैस त्रासदी के व्यापक कवरेज ने राय को अपने क्षेत्र का बेताज बादशाह बनाया। पहली बार फोटो खींचने के समय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐसी तस्वीर थी जिसे संयोगवश लिया गया था।

यह तस्वीर ‘द टाइम्स, लंदन’ में छपी थी। राय ने कहा, यह (फोटोग्राफी) कोई पेशा नहीं है, यह मेरा प्यार है। यह मेरी दीवानगी है। यह पिछले कई साल में बढ़ी है। यह फोटोग्राफर इस समय दलाई लामा और सदगुरु जैसे आध्यात्मिक गुरुओं पर काम कर रहे है। राय को मदर टेरेसा और इंदिरा गांधी पर अपनी शानदार शृंखलाओं के लिए भी जाना जाता है। इंदिरा गांधी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने जिस तरह की रचनात्मक स्वतंत्रता दी वैसी अन्य किसी प्रधानमंत्री ने नहीं दी। राय ने कहा, अकेली वही (इंदिरा) ऐसी थीं जो कलाकारों, रचनात्मक लोगों, विरासत और पर्यावरण का सम्मान करती थीं।