आरती सक्सेना
बाहुबली से फिल्म उद्योग में नया इतिहास रचने वाले प्रभास ने बालीवुड में भी दक्षिण भारत के लिए एक नई शुरुआत कर दी है। प्रभास अब एक बार फिर अपनी नई फिल्म ‘राधेश्याम’ के साथ रुपहले परदे पर नजर आने वाले हैं। इसकी कहानी ज्योतिष विद्या पर केंद्रित है। प्रभास का राधेश्याम को लेकर क्या कहना है? ‘बाहुबली’ के बाद हिंदी फिल्म उद्योग, दक्षिण के उद्योग के साथ कितना तालमेल बिठा रहा है? ऐसे कई दिलचस्प सवालों के प्रभास ने जबाब दिए…
सवाल : आपका ज्योतिष विद्या पर कितना विश्वास है और राधेश्याम को लेकर क्या कहेंगे?
’मुझे जब राधेश्याम के लिए ज्योतिष विक्रमादित्य की भूमिका की पेशकश की गई तो मैं आश्चर्यचकित था, क्योंकि मैं ज्योतिष विद्या या नसीब पर विश्वास बिल्कुल नहीं करता। मैं कर्म और मेहनत पर भरोसा करता हूं। मैंने यह फिल्म इसलिए की क्योंकि इसकी कहानी बहुत अच्छी है। यह एक प्रेम कहानी है जिसका अंत बहुत अच्छा है। राधेश्याम ज्योतिष विद्या कर्म, भाग्य व मेहनत के टकराव की कहानी है। मुझे पूरी उम्मीद है कि दर्शकों को यह फिल्म जरूर पसंद आएगी।
सवाल : जब आप कोई फिल्म साइन करते हैं तो कहानी और सामग्री पर ज्यादा ध्यान देते हैं या सफल और सफल निर्देशक पर?
’ऐसा नहीं है कि जो सफल है वही हिट है। कई सफल निर्देशकों ने फलाप फिल्में भी दी हैं। मैं कोई भी फिल्म साइन करने से पहले दोनों ही तरफ ध्यान देता हूं। राधेश्याम के निर्देशक राधेकृष्णा की भी यह दूसरी ही फिल्म है। बाहुबली के बाद मैं हर तरह की फिल्में करना चाहता हूं।
सवाल : बालीवुड मे आपका पंसदीदा निर्देशक कौन है, जिसके साथ आप काम करना चाहते हैं?
’मेरे पसंदीदा निर्देशक राजू हिरानी हैं। मेरी उनके साथ कम से कम एक फिल्म करने की इच्छा है। मंै उनसे एक बार मिला भी हूं।
सवाल : राधेश्याम में अमिताभ बच्चन फिल्म के नरेटर हैं। कैसा लग रहा है?
’वे अद्भुत हैं। उनके जैसा कोई नहीं है। मैं जब उनसे पहली बार मिला तो मंत्रमुगध हो गया। वे जितने बड़े अभिनेता है, उतने ही जमीन से जुड़े इंसान भी हैं। मेरा उनके साथ काम करना सपना सच होने जैसा है।
सवाल : आप बालीवुड के और किस हीरो को पंसद करते हैं ?
’मुझे सलमान खान बहुत पंसद हैं। इसके अलावा मैं सैफ के साथ आदि पुरुष में काम कर रहा हूं। उनके साथ भी मेरा काम करने का अनुभव काफी अच्छा रहा है। सैफ और अमित जी जैसे जीनियस कलाकार जब तक शूटिंग चलती है, सेट पर ही बने रहते हैं।
सवाल : कोरोनाकाल में ओटीटी प्लेटफार्म एक मजबूत माध्यम के रूप मे उभर कर सामने आया है। क्या आप ओटीटी के किसी बड़े प्रोजक्ट से जुड़ना चाहेंगे?
’ओटीटी फिल्मों पर भारी पड़ रहा है, ऐसा तो मुझे नहीं लगता। जिस दिन मुझे ऐसा लगा उस दिन जरूर ओटीटी के बारे में सोचूंगा। फिलहाल मेरी ओटीटी में दिलचस्पी नहीं है। अभी मैं अपनी तीन फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त हूं।
सवाल : क्या आप को लगता है कि अब दक्षिण और हिंदी फिल्म उद्योग एक साथ मिल कर काम करने के लिए तैयार हो गए हैं? बालीवुड दक्षिण को हाथोंहाथ ले रहा है। यह भारतीय सिनेमा की अच्छी शुरुआत है?
’हां … यह बहुत खुशी की बात है। यह बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था। अब सबको एकजुट होकर अच्छी फिल्में बनानी चाहिए और फिल्म उद्योग को आगे बढ़ाना चाहिए। शुुरुआत तो हो ही गई है।
सवाल : आप हैदराबाद से हैं। अब आपका कर्मस्थल मुंबई बनता जा रहा है। ऐसे में मुंबई में रहना कैसा लग रहा है?
’मुंबई मुझे तब से पंसद है जब मैं अभिनेता नहीं बना था। फिल्मों में काम करने से पहले मैं अपने दोस्तों के साथ मुंबई घूमने आता था। मुंबई के लोगों की एक बात मुझे बहुत पसंद है ये लोग बहुत ऊर्जावान हैं।