केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर अक्सर ये आरोप लगते हैं कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल कर अपने राजनीतिक विरोधियों को दबाने का काम करती है। अगले साल उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसे लेकर आलोचकों का मानना है कि सरकार फिर से ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों के लिए कर सकती है। वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने इसी बात को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

उन्होंने दावा किया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) 100 नेताओं की सूची लेकर बैठी है जिन्हें कभी भी बुलाया जा सकता है। बाजपेयी का कहना है कि सत्ता ने सीबीआई और ED को बर्बाद कर दिया है।

अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सोमवार को किए गए एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘100 नेताओं की लिस्ट लेकर बैठी है ईडी… जब जिसे चाहेगी उसे नोटिस थमा कर बुलाएगी.. सत्ता ने बर्बाद कर दिया सीबीआई और ईडी को…।’

बाजपेयी के इस ट्वीट पर यूजर्स भी अपनी राय दे रहे हैं। ई वैद्य नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘यही वजह है कि हर इलेक्शन से पहले बहुत सारे नेता अपनी पार्टी छोड़कर साहब की शरण में जाते हैं। और लोग सोचते हैं उन्हें साहब और उनकी पार्टी अच्छी लगने लगी।’

आशु नाम के के यूजर ने लिखा, ‘2024 तक थोड़ा इंतजार करिए, 50 पत्रकार भी उस सूची में होंगे।’ मैं भी किसान नाम के एक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘2024 तक इंतजार करिए, दो लोग गुजरात वापस चले जाएंगे।’

योगेंद्र अवस्थी नाम के एक यूजर ने पुण्य प्रसून बाजपेयी पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘70 सालों में कुछ गलत नहीं हुआ? लूट घोटाला नहीं हुआ? सीबीआई, ईडी सभी संवैधानिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल नहीं हुआ? मोदी सरकार से चोरों को बहुत दिक्कत है।’

अप्पा डीपी नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘लिस्ट के पन्ने पर लिखा होगा- सीबीआई, ईडी की कार्यवाही से पहले तीन जरूरी सूचना..1. वो विरोधी पार्टी का बड़ा नेता होना चाहिए। 2. जिस राज्य में इलेक्शन, उस राज्य को प्राथमिकता दें। 3. मीडिया में फेक ख़बरें ऐसे फैलानी है कि इसपर ज्यादा चर्चा हो, हर रोज के मुलभूत मुद्दे लोग भूल जाएं।’ ट्रू गाइड नाम के एक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘यूपी बचाने का केवल एक ही रास्ता है।’