पिछले सात महीनों में 40 आईपीओ पहले ही आ चुके हैं। वहीं कई आईपीओ कतार में लगे हुए हैं। हर हफ्ते किसी ना किसी कंपनी का आईपीओ आ रहा है। जिससे निवेशकों को कमाई का काफी मौका मिल रहा है। भारत सरकार के इस फैसले पर वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने तंज कसा है। पुण्य प्रसून बाजपेयी ने अपनी एक पोस्ट में कहा- ‘IPO भी आयेगा, वहीं असल लोकतंत्र कहलायेगा, बस Govt. Of India Pvt. Ltd. हो जाए।’

प्रसून बाजपेयी के इस पोस्ट पर ढेरों लोगों के कमेंट आने शुरू हो गए। विपिन द्विवेदी नाम के एक यूजर ने एक व्यक्ति का वीडियो शेयर किया जिसमें वह कह रहा है कि अलगी बार भी मोदी ही आएंगे। ऐसे में हालातों पर चुटकी लेते हुए यूजर ने कहा- ‘2022 की करो तैयारी, फिर लाना है भगवाधारी। यह शख्स ट्विटर पर कई ब्लू टिक बुद्धजीवी से ज्यादा जानता है।’

जय भारत नाम के अकाउंट से कमेंट आया- ‘जुमलेबाज झूठे धोखेबाज, गरीबी हटाओ का नारा दिया, 1 रू में से 85 पैसे खा खाकर नेताओं, चमचो दलालो के 65 साल अच्छे दिन चले, सारे नेता करोड़पति बन गए।’ आशुतोष नाम के यूजर ने कहा- ‘सब कुछ होगा कुछ तकलीफ है या केवल सरकार विरोधी एजेंडा लिखने की आदत?’ प्रमोद नाम के यूजर बोले- ‘गवर्मेंट ऑफ नेहरू गांधी एण्ड सन्स कंपनी के गुलामों को गवर्मेंट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का डर? मतलब, लोकतंत्र मजबूरी से मजबूती की ओर अग्रसर है।’

इस यूजर को जवाब देते हुए दूसरे यूजर ने कहा- “एण्ड संस” नहीं “एण्ड खानदान” कहिए। बाबर रिज्वी ने कहा – ‘गवर्नमेंट को प्राइवेट इनके विकास के लिए किया जा रहा है। ताकि पूंजीपतियों का विकास हो। पहले जिओ को फ्री कर जनता को जिओ के नशे का आदी बनाया गया। फिर पत्रकारों को खरीद लिया गया। फिर झूठी देशभक्ति दिखा दी। जनता को धर्म के नशे में डाल दिया- सनातन धर्म खतरे में है, फिर अपना विकास किया, सत्यमेव जयते।’

बता दें, आईपीओ यानी इनिशि‍यल पब्‍लि‍क ऑफरिंग का मतलब है कि किसी कंपनी के शेयरों को पहली बार बिक्री के लिए जनता के सामने लाना। आईपीओ से पहले, एक कंपनी सीमित शेयरधारकों के साथ निजी तौर पर कारोबार करती है। हालांकि, IPO के बाद, शेयरों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है क्योंकि आप और मेरे जैसे लोग और अन्य इंस्‍टीट्यूशनल इंवेस्‍टर्स कंपनी के शेयर खरीदते हैं। इस प्रारंभिक पेशकश के साथ, कंपनी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्‍टेड हो जाती है, जिससे शेयरों की खरीद और बिक्री में सुविधा होती है। आईपीओ कंपनी के मालिकों और शुरुआती निवेशकों को बिक्री के प्रस्ताव के माध्यम से बाहर निकलने का ऑप्‍शन भी देती है। उन्हें नए व्यवसाय में शुरुआती जोखिम लेने के लिए कंपनसेट करती है।