पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और किसान नेता योगेंद्र यादव को हाथ मिलाने की सलाह दी है। किसान आंदोलन को लेकर जारी सियासत के बीच उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘केजरीवाल किसान आंदोलन के हक में हैं। योगेन्द्र यादव किसान आंदोलन के नेता हैं। पर केजरीवाल-योगेन्द्र एक दूसरे को बर्दाश्त नहीं। बंटने से बचें..मौक़ापरस्ती छोड़ें..साथ आएं, तभी सफल होंगे। पुण्य प्रसून बाजपेयी की इस पोस्ट पर लोगों ने भी ढेरों कमेंट करने शुरू कर दिए।

एक यूजर ने लिखा, ‘कांग्रेस के राज में आर्थिक वृद्धि थी। हिन्दू मुस्लिम में प्रेम था, लोग खुशहाल थे। इस मोदी राज में जनता महंगाई से त्रस्त है। हिन्दू-मुसलमान को लड़ाया जा रहा है। लोग निराश हैं। आइए मेरे साथ प्रण लीजिए कि मिल कर इस जन विरोधी मोदी सरकार को उखाड़ के ही चैन लेंगे। राहुल जी लाओ देश बचाओ।’

इस यूजर के कमेंट पर जवाब देते हुए धर्मेंद्र त्रिपाठी नाम के यूजर ने लिखा, ‘ये कौन सा तर्क है भाई? लगता है आपको जरूरत से ज्यादा ज्ञान है।आपसे अनुरोध है इस बार का बजट आप ही पेश करें।’ हिंदुस्तानी नाम के हैंडल से कमेंट आया, ‘राहुल के भी लोग दीवाने हैं, ये देखकर हंसी रुक नहीं रही।’

 

एक यूजर ने प्रसून पर तंज कसते हुए लिखा, ‘और ये हैं बीच में साझेदारी करवाने वाले ज्ञानी। क्रन्तिकारी पत्रकारिता छोड़कर आजकल समझौता करवाते हैं।’ जीनत नाम की यूजर ने लिखा, ‘केजरीवाल तो माहौल देख के आएं हैं।’ एक यूजर ने कहा, ‘ये रंग बदलू गिरगिट की तरह मात्र 10 मिनट में रंग बदल सकता है। अन्ना का गन्ना बना के और चूस के जिसने फेंक दिया हो उससे क्या उम्मीद करोगे आप।’

 

गिरीश नाम के शख्स ने लिखा- फिर भी नही होंगे, लाख कोशिश करलो। किसान तो सिर्फ बहाना हैं, जैसा CAA था इसे आंदोलन नहीं अराजकता का नंगा नाच कहो। और ऐसी अराजकता के जरिए देश को तोड़ने के इरादों में ये टुकड़े गैंग कभी सफल नहीं होगा। एक यूजर ने चुटकी लेते हुए कहा- ‘दोनों को किनारे लगाओ सिर्फ टिकैत को आंदोलन करने दो तुम।’