फिल्ममेकर अनुराग कश्यप, एक्ट्रेस तापसी पन्नू और सिने जगत से जुड़ी हस्तियों पर इनकम टैक्स की रेड पर सोशल मीडिया पर तमाम लोगों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने एक ट्वीट कर कश्यप और तापसी पन्नू का समर्थन किया। तो वहीं, वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 46 सालों में इमरजेंसी की परिभाषा बदल गई है।
पुण्य प्रसून बाजपेयी ने ट्वीट कर कहा, ‘तब किशोर थे अब अनुराग हैं, तब गुलज़ार थे अब तापसी हैं… तब आपातकाल था अब लोकतंत्र है। 46 वर्ष में इमरजेंसी की परिभाषा बदल गई।’ उन्होंने अपना एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वे नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार पर तंज करते हुए कहते हैं कि ‘तो क्या इंदिरा की इमरजेंसी पर भारी है मोदी का लोकतंत्र?’
अपने वीडियो में पुण्य प्रसून बाजपेयी कोलकाता में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का जिक्र करते हुए कहते हैं कि झटके में राहुल गांधी ने इमरजेंसी को लेकर माफी मांग ली। वे आगे कहते हैं 1975 से लेकर 2021 तक 46 सालों में क्या संविधान की परिभाषा बदल गई है, संसदीय लोकतंत्र को जीने के तरीके बदल गए हैं? तब की इमरजेंसी और अब के लोकतंत्र को देखें तो इमरजेंसी पर लोकतंत्र हावी लगता है।
बाजपेयी के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम यूजर्स उन्हें ट्रोल भी करने लगे। प्रमिला नाम की यूजर ने लिखा ‘तापसी की तुलना गुलजार से करते हुए शर्म आनी चाहिए।’ रवि नाम के यूजर ने लिखा ’46 वर्ष में बहुत कुछ बदल गया है। क्यूंकि इन 46 सालों में कांग्रेस ने हर फील्ड में बड़े-बड़े गुलाम पाल लिये, उनको रुतबा, पैसा, अवार्ड, गाड़ी, बंगला, पद…सबकुछ दिया। उसी का नतीजा है आज कांग्रेस के गुलाम दिन को रात और रात को दिन कहने में भी फ़ख्र महसूस करते हैं।
विक्रम चौधरी नाम के यूजर ने पुण्य प्रसून बाजपेयी का समर्थन करते हुए लिखा, ‘अभिव्यक्ति की आजादी को कुचला जा रहा है’। उत्कर्ष पांडे ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस बुरी थी, लेकिन उसमें इतनी लज्जा थी कि उससे पूछ सकते थे कि हिंसा क्यों हुई? सिख दंगों के लिए पार्टी हाथ जोड़कर माफी मांगती रही। इमरजेंसी पर शर्मिंदा नज़र आई। अब देख लीजिए। कहीं कोई शर्मिंदगी नहीं है। कहीं कोई जवाबदेही नहीं है।’
आपको बता दें कि एक दिन पहले ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने फिल्ममेकर अनुराग कश्यप, अभिनेत्री तापसी पन्नू समेत कई लोगों के यहां छापेमारी की थी। यह छापेमारी कथित तौर पर टैक्स चोरी से जुड़े मामले में हुई थी।