कश्मीरी पंडितों की त्रासदी पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को अश्लील-प्रोपेगेंडा बताने वाले IFFI के जूरी प्रमुख नदाव लापिड (Nadav Lapid) के खिलाफ पुलिस में शिकायत की गई है और FIR दर्ज करने की मांग की गई है। यह शिकायत सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने की है। गोवा डीजीपी (Goa DGP) को लिखे अपने शिकायती पत्र में जिंदल ने कहा कि नदाव लापिड ने कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अन्याय का मजाक बनाया है।
उधर, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि नदाव लापिड (Nadav Lapid) ने अपने पद का दुरुपयोग किया। खुद इजरायल के एंबेसडर ने यह बात कही है। केंद्र और राज्य सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट में वकील विनीत जिंदल ने ट्वीट किया, ‘नदाव लापिड (Nadav Lapid) ने कश्मीर फाइल्स नहीं, बल्कि उसमे दिखाई गई सच्चाई को प्रोपोगेंडा व अश्लील बोला है। देश का हर नागरिक व हिन्दू इस आदमी पर कार्रवाई चाहता है। मेरा अनुराग ठाकुर व गोवा पुलिस से आग्रह है कि नदाव के ख़िलाफ़ मेरी शिकायत पर कार्रवाई की जाए’।
पुलिस के पास पहुंची है ये शिकायत
एडवोकेट विनीत जिंदल ने नदाव लापिड के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि लापिड ने कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर जो टिप्पणी की है, उसके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 121,153,153ए और बी, 295, 298 और 505 के तहत केस दर्ज होना चाहिए। शिकायत में कहा गया है कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ कश्मीर में हिंदू नरसंहार की सच्ची कहानी पर आधारित है।
विनीत जिंदल ने अपने शिकायती पत्र में कही यह बात
विनीत ने अपने शिकायती पत्र में कहा है कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को देखकर हम सभी परेशान और हैरान थे। इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा हिंदू नरसंहार की एक सच्ची कहानी पर आधारित फिल्म के खिलाफ आह्वान हुआ। अब उसे ‘प्रचार’ और ‘अश्लील’ बताकर कश्मीरी हिंदुओं के बलिदान को गाली दे रहे हैं। नदाव लापिड, अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर हिंदू समुदाय को निशाना बना रहे हैं।
नदाव लापिड ने क्या कहा था?
बता दें कि गोवा में आयोजित हुए 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) के दौरान जूरी हेड व इजरायल के फिल्ममेकर नदाव लापिड ने कहा था कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ एक प्रोपेगेंडा फिल्म है। उन्होंने फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म की स्क्रीनिंग देखकर भी हैरानी जताई थी। नदाव लापिड ने फिल्म की आलोचना करते हुए यह तक कह दिया यह फिल्म फेस्टिवल की प्रतियोगिता में शामिल भी किए जाने लायक नहीं थी।