बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की यरवदा जेल से रिहाई से एक दिन पहले बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल कर उन्हें तय समय से पहले रिहा किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है।
समाजसेवी प्रदीप भालेकर की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका में उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि वह संजय की सजा में कमी के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को रद्द कर दे और अभिनेता को फिर से हिरासत में लिए जाने के आदेश दे ताकि वह उच्चतम न्यायालय की ओर से सुनाई गई अपनी पांच साल की सजा की पूरी अवधि जेल में बिताएं। सजा में कमी के फैसले के बाद संजय गुरुवार को पुणे के यरवदा जेल से रिहा होने वाले हैं। महाराष्ट्र गृह विभाग के मुताबिक, अच्छे व्यवहार के आधार पर उनकी सजा में कमी की गई है। याचिकाकर्ता के वकील नितिन सत्पुते ने कहा, ‘‘संजय दत्त की सजा में की गई कमी गलत और गैर-कानूनी है। वह कौन सा अच्छा व्यवहार और आचार-विचार है जिसे उनकी सजा में कमी का आधार बनाया गया है ? मामूली अपराधों के अन्य दोषियों का क्या होगा जो सालों से जेल में सड़ रहे हैं? उन्होंने भी सजा में कमी की अर्जियां दाखिल कर रखी हैं, लेकिन उन पर कोई उचित आदेश नहीं दिया गया ।’’