द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर मचे बवाल के बीच नाना पाटेकर ने भी अपनी राय रखी है। नाना पाटेकर ने कहा है कि भारत हिंदू और मुसलमान दोनों का देश है। ऐसे में समाज में विभाजन और भेदभाव करना ठीक नहीं है। अगर बंटवारा हो रहा है तो ये गलत है।
“फिल्म का विरोध करना ठीक नहीं”: नाना पाटेकर ने कहा कि उन्होंने फिल्म अभी तक देखी नहीं है इसलिए वह कमेंट नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म का विरोध करना भी ठीक नहीं है। नाना पाटेकर के इस बयान पर अब लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं: इरफान सिद्दकी नाम के यूजर ने लिखा कि “नाना पाटेकर जैसे अच्छे लोग यही सोचते हैं। किसी भी कौम के हो भाईचारा हर धर्म में है, सिर्फ कुछ लोगों के कारण बदनाम हो रहे हैं।” अजय कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि “कश्मीर फाइलस पर नाना पाटेकर के सोच पर तरस आता है, ये फिल्म उस समाज को आईना दिखा रही है जिन्होंने समाज के दुसरे पक्षों को ख़त्म करने की कोशिश की है।”
रणवीर सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि “नाना पाटेकर को भी सेकुलरिज्म के कीड़े ने काट लिया है। नाना पाटेकर के अनुसार द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्में समाज में दरार पैदा करती है। मतलब कश्मीरी हिंदुओं के जीनोंसाइड को दिखाना दरार पैदा करने जैसा हो गया।”
नवल कान्त सिंहा नाम के यूजर ने लिखा कि “भैया पाटेकर, जब हिन्दू मारे जा रहे थे, तब क्या मुंह में दही जमाए थे। उसी समय जाकर उन सब को खून का एक रंग दिखा दिये होते तो आज फिल्म बनती ही नहीं।” सुरेंद्र पेड़ीवाल ने कहा कि “नाना पाटेकर यह बता सकते है कि जब भारत हिन्दू और मुस्लिम दोनों का ही देश है तो फिर इस देश का बंटवारा क्यो हुआ 1947 में। भारत जब कभी पुनः अखण्ड होगा तब यह बात कहिए, कोई समस्या नहीं है।”
बता दें कि द कश्मीर फाइल्स फिल्म कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बेस्ड पर है। इस फिल्म को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कुछ लोगों का मानना है कि इस फिल्म में गलत तथ्य सामने रखे गए हैं। वहीं कई राज्यों में इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी लोगों से यह फिल्म देखने की अपील की है।