एक्टर पंकज त्रिपाठी अपने बेहतरीन किरदारों के लिए जाने जाते हैं। चाहे वो ‘मिर्जापुर’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में क्रिमिनल के रोल की हो, या फिर ‘बरेली की बर्फी’ और ‘गुंजन सक्सेना’ में एक इमोशनल पिता की हो, वो हर किरदार को बखूबी निभाते हैं। पंकज त्रिपाठी ने आजतक जितने भी किरदार निभाये हैं उनमें से कम ही ऐसे हैं जिनमें उन्हें रॉयल और अमीर दिखाया है। लेकिन अभिनेता को लगता है कि यदि उन्हें मौका मिले तो वह एक पॉश किरदार भी निभा सकते हैं।

हाल ही में दिए अपने एक इंटरव्यू में पंकज त्रिपाठी ने कहा कि लोग कलाकारों को उनकी शक्ल के आधार पर एक विशेष भूमिका में बांध देते हैं। एएनआई के साथ बात करते हुए त्रिपाठी ने कहा,”सिनेमा में हमने स्टीरियोटाइप कर दिया है कि डॉक्टर ऐसा दिखना चाहिए, इंजीनियर ऐसा दिखना चाहिए। ऑडिशन के दौरान जूनियर आर्टिस्ट के लिए भी ‘रिच लुक, कॉरपोरेट लुक’ जैसी ब्रीफ लिखी जाती है। हमने बाट रखा है दुनिया को कि ये लुक होता है, वो लुक होता है। हम कटरीना कैफ को डॉक्टर के रोल में सोचते हैं। लेकिन आप दिल्ली के एम्स अस्पताल चले जाओ, वहां कितनी कटरीना मिलेंगी आपको?”

इसके बाद पंकज त्रिपाठी ने भारत के सबसे बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “सोचिए अगर मुकेश अंबानी इंडस्ट्रियलिस्ट नहीं होते और एक्टर होते। अगर उन्हें ऑडिशन के लिए जाना होता तो उन्हें कभी अमीर इंडस्ट्रियलिस्ट के लिए कास्ट न करते। कहते रिच लुक तो है ही नहीं। ये रिच लुक है क्या? वो हमारे देश के सबसे बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट हैं।”

अभिनेता ने कहा कि सिनेमा में, व्यक्ति कैसा दिखता है इसके आधार पर आंका जाता है, लेकिन समाज में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, “तो, हर किसी ने यह धारणा बना ली है कि एक पुलिसकर्मी ऐसा दिखता है, एक अमीर आदमी ऐसा दिखता है, एक गरीब आदमी ऐसा दिखता है। लेकिन समाज में ऐसा नहीं है।”

आपको बता दें कि पंकज त्रिपाठी अपनी अगली फिल्म ‘मैं अटल हूं’ की रिलीज के लिए तैयार हैं। ये पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बायोपिक है। ये फिल्म 19 जनवरी को थिएटर में रिलीज होने के लिए तैयार है।