Panipat Movie Dispute: पानीपत की जंग मराठाओं और अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली के बीच 1761 में लड़ी गई थी। पर इसको लेकर तनाव आज भी है। वजह वो युद्ध नहीं बल्कि अर्जुन कपूर और आशुतोष गोवाडिकर की फिल्म है। शुक्रवार को ये मूवी रिलीज हुई, इसके बाद से पूरे राजस्थान में प्रदर्शन से लेकर तोड़फोड़ और मूवी को बैन करने की मांग उठ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सेंसर बोर्ड से इस मूवी को दोबारा देखने की मांग उठाई थी। आइए देखते हैं इस फिल्म को लेकर आखिर क्यों विवाद उठा है…

मराठाओं और अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली के बीच 1761 में पानीपत की तीसरी लड़ाई छिड़ी थी। अर्जुन कपूर की फिल्म भी इसी घटना पर आधारित है। इस फिल्म में महाराज सूरजमल का भी जिक्र है। फिल्म में उनके बारे में जितना भी दिखाया गया है, कुछ लोगों को वह सब बिलकुल भी पसंद नहीं आया है।

फिल्म में महाराज सूरजमल के चरित्र चित्रण को गलत तरह से दिखाए जाने के आरोप लगाते हुए राजस्थान में जयपुर भरतपुर जैसे इलाकों में तगड़ा प्रदर्शन हो रहा है। ऐसे में मांग की जा रही है कि फिल्म को थिएटर्स से हटाया जाए। हालांकि बहुत से थिएटर्स ने फिल्म के शो कैंसिल कर दिए हैं।

फिल्म में दिखाया गया है कि जब मराठा युद्ध के लिए तैयारी कर रहे थे उस वक्त राजा सूरजमल ने मराठाओं का साथ देने के लिए आगरा किले की मांग की थी। जब मराठाओं ने महाराज सूरजमल की उस मांग को पूरा नहीं किया तो उन्होंने भी मराठाओं का साथ देने से मना कर दिया था। ऐसे में इस दृश्य को लेकर काफी विवाद हो रहा है। इस दृश्य पर लोग प्रतिक्रिया देते हुए बोल रहे हैं कि ऐसा नहीं है फिल्म में दिखाया गया फैक्ट गलत है।

न्यूज18 ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पानीपत की लड़ाई में राजा सूरजमल ने अहम भूमिका निभाई थी। मराठा और अब्दाली सेना के बीच युद्ध छिड़ने से पहले राजा सूरजमल ने सदाशिव राव को कई सलाह और मशवहरे दिए थे। उन्होंने कहा था कि अभी अब्दाली की सेना पर हमला करना ठीक नहीं है। वह लोग आसानी से सर्दी को सह लेंगे। लेकिन गर्मी में वह ज्यादा देर तक नहीं रह पाएंगे। ऐसे में गर्मियों में उनपर हमला करना होगा। लेकिन सदाशिव ने उनका ये सुझाव मानने से मना कर दिया था। जब सर्दी में युद्ध की शुरुआत हुई तो मराठा सैनिक सर्दी के शिकार हो गए। जबकि अब्दाली की सेना ने चमड़े के जैकिट से अपना बचाव किया। इसके अलावा मराठाओं के साथ स्त्रियां और बच्चे भी थे। राजा सूरजमल ने इस बारे में कहा था कि बच्चों और स्त्रियों को शामिल करने से सेना का ध्यान भटकेगा लेकिन सदाशिव राव ने इस बात को भी नहीं माना। ऐसे में मराठाओं को हार का मुंह देखना पड़ा था।

बता दें,  राजा सूरजमल राजस्थान में एक लौते जाट राजा थे। 13 फरवरी 1707 में सूरजमल ने बदन सिंह के घर जन्म लिया था।इतिहास के पन्नों में उनकी शौर्य गाथाएं दर्ज हैं। वह एक वीर थे। सूरजमल ने 1733 नेम भरतपुर रियासत को खड़ा किया था।

राजा सूरजमल के मराठों से रिश्ते कभी बनते तो कभी बिगड़ते रहते थे। अपना क्षेत्र बढ़ाने के लिए उन्होंने दिल्ली तक अपने कदम बढ़ा लिए थे। उस वक्त दिल्ली के तख्त पर गाजीउद्दीन बैठा था। इसबारे में जान कर वह काफी गुस्सा हो गया था। इसके बाद उसने राजा सूरजमल के खिलाफ मराठाओं को भड़का दिया था। ताकतवर मराठाओं ने इस बीच भरतपुर रियासत पर चढ़ाई कर दी। लेकिन इस रियासत को वह हथिया नहीं पाए। लड़ाई में मराठा सरदार मल्हारराव के बेटे खांडेराव होल्कर की मौत हो गई थी। बाद में मराठों ने राजा सूरजमल से समझौता कर लिया था।