राजीव सक्सेना
अटैक : भाग – एक
जी फाइव पर फीचर फिल्म ‘अटैक’ का पहला भाग दर्शकों को लुभाने की एक सफल पेशकश साबित हुआ। सवा दो घंटे लंबी अवधि की इस फिल्म की कहानी राजधानी में विगत वर्ष 2001 के 13 दिसंबर को भारतीय संसद भवन पर हुए आतंकी हमले पर आधारित है। फिल्म के नायक जान अब्राहम को साइबर सैनिक की तरह दिखाया गया है। भारतीय रजट पट पर संभवत: यह पहला प्रयोग है, जब एक सैनिक की सारी गतिविधियों की कमांड, मुख्यालय में डिजिटल माध्यम से संचालित की जाती है। पेन एटरटेनमेंट और जान अब्राहम के अपने बैनर पर बनाई गई फिल्म को सिनेमाघर से अधिक प्रतिसाद ओटीटी प्लेटफार्म पर मिला।
जेकलीन फर्नान्डीज और रकुलप्रीत सिंह के साथ फिल्म में प्रकाश राज, रजित कपूर, किरण कुमार और रत्ना पाठक शाह की भूमिकाएं उल्लेखनीय हैं। संसद भवन के बाहरी भाग के अलावा भीतर के हिस्से को सैट बनाकर और अधिकांशत: वीएफएक्स तकनीक के साथ प्रस्तुत किया गया है। साइबर सैनिक को देखकर महसूस होता है कि काश, हमारी सेना ऐसी कोई शुरुआत कर पाए।
होम
अल्ट बालाजी पर वेबसीरीज ‘होम’, आज महानगरों में एक घर खरीदने के बाद की विषम परिस्थितियों पर एक उम्दा शृंखला है। आम तौर पर मध्य या उच्च मध्यवर्गीय परिवार के मुखिया मुंबई सरीखे महानगर की बहुमंजिला इमारतों में फ्लैट खरीदते समय कई सारी खास बातों, जैसे नगर निगम की बिल्डर को कितने मंजिल तक निर्माण की मंजूरी है..वगैरह नजरअंदाज कर दिया करते हैं।
इसका खामियाजा उन्हें भविष्य में किस शक्ल में भुगतना होगा, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मुंबई में तकरीबन डेढ़ दशक पहले कैंपाकोला सोसायटी के रहवासियों के साथ, भवन निर्माता की कुछ ऐसी ही खतरनाक लापरवाही की वजह से जो कुछ बीता, सारे देश ने मीडिया के जरिये देखा।
इसी को आधार बनाकर रची गई वेब शृंखला होम की कहानी में, कलाकृति सोसायटी में लम्बे वक्त से रहते हुए गृहस्थी जमा लेने वाले सैकड़ों परिवारों को अचानक उस समय जोर का झटका लगता है, जब मुंबई महानगरपालिका की और से अवैध निर्माण के आरोप में सोसायटी के सभी फ्लैट धराशायी करने का नोटिस उनके सामने आता है।
भवन गिराने के स्थगन के लिए वकीलों के कुचक्र से लेकर राजनितिक उठापटक, मीडिया की मदद जैसी हर संभव कोशिश नाकाम होने के बाद आखिर फ्लैट खाली करने वाला दिन आ ही जाता है। एक परिवार की अंतिम कोशिश, सुप्रीम कोर्ट में स्थगन की याचिका पर सकारात्मक सुनवाई से सभी की आशा, चेहरे पर मुस्कान की वापसी में तब्दील होती है।
एकता कपूर की इस वेबसीरीज में अन्नू कपूर और सुप्रिया पिलगांवकर के अलावा परीक्षित साहनी, हिमानी शिवपुरी जैसे कलाकारों ने अपनी -अपनी भूमिकाओं में दम लगाकर इसे देखने लायक बना दिया और एक सीख दी कि जिंदगी में घर का सपना साकार करते वक़्त सावधानी जरूर रखी जाए।
रायकर केस
वूट पर विगत वर्ष प्रस्तुत वेबसीरीज ‘रायकर केस’ का दूसरा भाग जल्दी ही दर्शकों के सामने होगा। इस शृंखला में महाराष्ट्रीय पृष्ठभूमि के अंतर्गत एक सम्भ्रान्त परिवार के भीतर, समृद्धि और प्रसिद्धि से जुड़ी महत्त्वाकांक्षा का दिलचस्प ताना-बाना बुना गया है। काजू के कारखाने का मालिक यशवंत नाइक रायकर, राज्यसभा में अपनी दावेदारी के कारण, अचानक घर के एक सदस्य की मौत के आरोप और रहस्य के चक्रव्यूह में खुद को उलझा हुआ पाता है।
यशवंत के दिवंगत भाई विनायक के बेटे तरुण की हत्या की आशंका में पुलिस के शक की सुई यशवंत से लेकर कम से कम छह किरदारों के आसपास घूमना और अंत तक, हत्यारा कौन का रहस्य कायम रहना इस सीरीज की खासियत मानी जा सकती है।
आदित्य सरपोत्दार के निर्देशन में मराठी और हिंदी फिल्मों के समर्थ अभिनेता अतुल कुलकर्णी की भूमिका उल्लेखनीय है। अनुष्का शर्मा की एनएच 10 के नायक नील भूपालम के अलावा वैष्णवी कदम और नवोदित पारुल गुलाटी का काम सराहा जाने लायक रहा है। ओटीटी की नीति के मुताबिक पहले भाग में रहस्य बने रहने पर ही दूसरे भाग में दर्शकों की दिलचस्पी और प्रतीक्षा बनी रहती है। रायकर केस का सीजन दो भी दिलचस्प होगा उम्मीद की जा सकती है।