के. आसिफ़ की ऐतिहासिक फ़िल्म मुगले-आज़म में मधुबाला नहीं बल्कि एक थियेटर अदाकारा अनारकली का रोल निभाने वाली थीं। हाल ही में पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ में ये खुलासा हुआ है। शहनाज़ बिया नाम की इस महिला का एक्टिंग करियर अपनी शादी के चलते खत्म हो कर रह गया। शहनाज़ की बेटी सोफ़िया नाज़ ने अपनी मां के बारे में कई चौंकाने वाले तथ्य को सामने रखा हैं।
50 के दशक में शहनाज़ शादी कर मुंबई आई थी। हाल ही में उन्होंने शादी की थी। एक थियेटर प्रोडक्शन के लिए उन्होंने अनारकली का रोल अदा किया था। उस थियेटर प्ले के दौरान डायरेक्टर के. आसिफ़ भी वहां मौजूद थे और वे बिया की अदाकारी से बेहद प्रभावित हुए थे। वे अपनी लेजेंडरी फ़िल्म ‘मुगलेआज़म’ में उन्हें अनारकली के रोल के लिए लेना चाहते थे। फ़िल्म के सेट पर उनकी 200 से ज़्यादा तस्वीरें ली गई थीं। दुर्भाग्य से उन्हें अपने परिवार के दबाव में आकर इस रोल को ठुकराना पड़ा। इस घटना के बाद वे पाकिस्तान शिफ़्ट हो गई थी। उस दौर में माना जाता था कि अच्छे घर की लड़कियां फ़िल्मों में काम नहीं करती हैं। ये तस्वीरें आज भी एक एल्बम में मौजूद हैं।
मुंबई में उनकी ज़िंदगी ग्लैमर से भरी थी। वे कई मूवी प्रीमियर्स में जाती जहां उस दौर के बड़े सितारे दिलीप कुमार, मधुबाला और कामिनी कौशल मौजूद होते। लेकिन उस चकाचौंध के पीछे शादी के रूप में एक स्याह पहलू भी था। वे अपने ससुराल में एक नारकीय जीवन बिता रही थीं। बिया का पति उन्हें बहुत मारता-पीटता था। लगभग सात सालों तक उन्होंने बेतहाशा घरेलू हिंसा सही। बिया के पति एक जाने-माने राजनेता थे। वो उन्हें कैंपेन रैलियों में अपने साथ ले जाता था। बिया को अपना चेहरा छिपा कर रखना पड़ता, ताकि उनके ज़ख्म आम जनता को न दिख सकें।
उन्हें कई बार अपने परिवार से मदद की गुहार लगाई लेकिन उनकी फ़ैमिली ने उनकी बात को ज़्यादातर अनसुना किया। एक बार बिया को बुरी तरह से पीटा गया था, उस दौरान उनके घरवाले उन्हें भोपाल ले गए थे। हालांकि बिया के पति ने एक माफ़ीनामा भेजा कि वे आगे से कभी अपनी पत्नी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। माफी को मान लिया गया लेकिन बिया के साथ हिंसा अब भी नहीं थमी।
ज़ाहिर है, बिया के हालात बेहद खराब हो चले थे। उनके गाइनोलॉजिस्ट डॉ शिरोडकर ने बिया को साफ तौर पर कहा था – पति को छह महीने में तलाक दे दो, नहीं तो ज़िंदा नहीं बच पाओगी। बिया ने अपने डॉक्टर की सलाह मान ली लेकिन उनका पति एक शातिर बैरिस्टर और राजनेता था। बिया को अपने पति के खिलाफ जाने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। बिया से उनके दोनों बच्चों की कस्टडी छीन ली गई। बिया ने अगले 20 साल अपने दोनों बच्चों की तलाश में गुज़ार दिए।
जब वे आखिरकार अपने बच्चों से मिल पाई, तब तक उनका चालाक पति इन बच्चों का ब्रेनवॉश कर चुका था। दोनों बच्चे अपनी मां के खिलाफ़ थे। उस दौरान बिया के पति ने साफ कहा था कि अगर आज के बाद तुम इन बच्चों से मिलोगी तो इन बच्चों को यहां से हमेशा के लिए बेदखल कर दूंगा। बिया अपने बच्चों के साथ हुए अलगाव से कभी उबर नहीं पाई। वे अक्सर रात में अपने बच्चों की याद में रोती थी। इसके कुछ सालों बाद कराची में एक फ़ैमिली वेडिंग के दौरान वे एक शख़्स से मिली थी। बिया ने कुछ समय बाद उन्होंने पाकिस्तान में ही इस शख़्स से शादी कर ली थी। बिया की ज़िंदगी थोड़ी बेहतर होनी शुरू हुई थी। पर वे अगले 20 सालों तक अपने बच्चों की तलाश में भारत आती रही और उन्हें हर बार मायूसी हाथ लगती थी। वे जब तक जीवित रहीं, मन में एक मलाल और दर्द हमेशा साथ रहा। पर तमाम दुख सहने के बाद भी एक ज़िंदादिल इंसान बनी रहीं।