न्यूज 18 इंडिया की लाइव डिबेट में अमिश देवगन एक पैनलिस्ट पर बुरी तरह से भड़क गए। डिबेट के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह से अमिश देवगन की बहस छिड़ गई जिसके बाद उन्होंने पैनलिस्ट से कहा- आवाज नीचे। दरअसल, बहस का मुद्दा था- कोरोना काल में किसान का आंदोलन जरूरी है या फिर लोगों की जान?

ऐसे में कांग्रेस प्रवक्ता अमिश देवगन की डिबेट में सवाल करने लगे- ‘इस देश में हमारा वैक्सिनेशन कब तक पूरा होगा। सरकार को अपना ये पूरा प्लान बताना चाहिए। 18 से 40 तक के लोगों को कितना वक्त लग जाएगा। 40 से ऊपर वालों के लिए कब तक वैक्सिनेशन का काम पूरा हो जाएगा?’

तभी अमिश कह उठते हैं कि ‘वैक्सीन पर डिबेट नहीं है। ये किसानों पर डिबेट है। किसानों पर फोकस रखिए।’ इस पर अखिलेश प्रताप सिंह कहते हैं- ‘अरे कोरोना की वजह से ही तो आप बहस कर रहे हैं। कोरोना के मूल में ही तो वैक्सीन है। लाशों से नदियां और घाट भर गए हैं। कब्रिस्तानों में जगह नहीं मिल रही है।’

इस पर अमिश कहते हैं- ‘प्रताप जी या तो आपको बहस का विषय नहीं पता, हम किसानों पर बहस कर रहे हैं। या तो आप उसपर बोलना नहीं चाहते या तो आप असहज हैं।

अमिश कहते हैं तो आप कह रहे हैं कि किसान आंदोलन के नाम पर इस वक्त भीड़ जुटानी चाहिए? ऐसे में कांग्रेस प्रवक्ता लगातार अपनी बात किसानों पर न रखते हुए वैक्सीन पर रखते रहे। वहीं अमिश देवगन भड़क उठे और बोले- ‘आप अपना सर्टिफिकेट अपने पास रखिए। अमिश देवगन को नहीं चाहिए। मैं देश के लिए खड़ा हूं और अंतिम सांस तक देश के लिए खड़ा रहूंगा। आवाज नीचे।’

वहीं बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया किसान आंदोलन पर बरसते नजर आए। उन्होंने कहा कि ‘किसान आंदोलन की वजह से कोरोना का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है। जब हम कोविड को परास्त कर रहे हैं , ये देश को परास्त करने में लगे हैं।’ उन्होंने आगे कहा- ये लोग किसान नहीं हैं, तिरंगे का अपमान करने वाले लोग किसान नहीं हैं। बलात्कार करने वाला किसान नहीं है। और जो कहे कि हमारा ट्रैक्टर टैंक है, वो किसान नहीं है।’

गौरव भाटिया ने आगे कहा- ‘मुझे याद है ये राकेश टिकैत, उनको मैें डकैत बुलाऊंगा। क्योंकि इन्होंने क्या कहा, मैें बताऊं आपको- हम घर वापस क्यों जाएं? हम कोविड लेकर जाएंगे।’ तो मिस्टर टिकैत हम सब आपसे पूछना चाहते हैं, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश में जो नाकरिक हैं वो आपके भाई नहीं हैं? यहां कोविड फैले तो ठीक है? ये सब लाशों पर राजनीति करते हैं।