उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में थूक लगाकर रोटी बनाने वाले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसके बाद शख्स को मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। इस तरह के ढेरों वीडियो सोशल मीडिया पर समय-समय पर वायरल होते रहे हैं। ऐसे में न्यूज 18 इंडिया की लाइव डिबेट में इस मुद्दे पर बहस देखने को मिली।
मौलाना अलीमुद्दीन असादी और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय के बीच में ये बहस देखने को मिली। इस दौरान मौलाना अलीमुद्दीन असादी ने कहा कि ये ‘आस्था’ है। तो ऐसे में डिबेट के दौरान शो के एंकर अमन चोपड़ा ने भी मौलाना अलीमुद्दीन असादी से सवाल करना शुरू कर दिया- ‘अरे आपकी आस्था के चक्कर में मैं क्यों थूका हुआ खाऊं?’ मौलाना के इस बयान का वीडियो शेयर कर बीजेपी नेता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा- ‘अगर कभी किसी ऐसी “आस्था” वाले का दिया कुछ खाया हो तो अफ़सोस करिए, ऐसी “आस्था” वालों का दिया कभी कुछ नहीं खाना है, ये प्रण करिए।’
वीडियो में मौलाना कहते नजर आते हैं- ‘ये तस्वीर देखिए बंबई की, आपकी स्क्रीन पर चल रही है। ये आस्था है, ये कोई थूक नहीं रहे हैं चमचों पर। या बर्तनों पर कोई थूक नहीं रहा है।’ मौलाना की इस बातको सुन कर न्यूज 18 इंडिया के एंकर बिफर पड़ते हैं और जोर से बोलते हैं कि आपकी आस्था के चक्कर में मैं क्यों थूका हुआ खाऊं।
इसके बाद अमन चोपड़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट से भी इस डिबेट का वीडियो शेयर किया जिसमें एंकर मौलवी से पूछते दिखते हैं कि आप मान गए यानी आपका भी ऐसा कोई रेस्टोरेंट है। आपका भी ऐसा कोई ढाबा चल रहा है जिसमें आप थूक कर खिलाते हैं। इस पर मौलाना कहते हैं- नहीं नहीं ये बिलकुल गलत है। एंकर पलट कर सवाल करते हैं- अरे अभी आपने कहा कि ये हमारा रिवाज है हम खिलाते हैं। अभी आपने बोला कि आपकी आस्था है। ये बहुत खतरनाक है।’
अमन चोपड़ा ने आगे कहा- आज जब मैं डिबेट के लिए आ रहा था, मुझे लग रहा था कि इसका धर्म से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन मौलाना असादी ने मुझे गलत साबित किया ये बता कर कि ये इनकी आस्था है-रोटी में थूकना, बिरियानी में थूकना, चावल में थूकना।
डिबेट के दौरान बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने भी सवाल किया- ”आखिर वो कौन सी सोच है जो आपसे कह रही है थूको, जिसकी सोच ही ऐसी है कि हमें गंदी चीज़ खिलाना है तो वो तो कुछ भी कर सकता है’।
डिबेट के दौरान बीजेपी नेता ने कहा- थूक की घटनाएं पिछले कई सालों में सामने आई हैं। सोशल मीडिया के चलते, पहले लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं थे। ये प्रक्रिया तो पहले से चल रही है। पानी में थूकने का, जूस में थूकने का, दूध-चावल में थूकने का, सब्जी-फल पर थूकने के वीडियो सामने आए हैं। ये भी तो हो सकता है कि दाल का रंग पीला होता है तो उसमें टॉयलेट भी किया हो। जिसकी सोच ऐसी है कि हमको गंदगी ही फैलाना है तो फिर तो कुछ भीकर सकता है।’