अमिश देवगन की लाइव डिबेट में MPCI के अध्यक्ष तस्लीम रहमानी, बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम और पत्रकार उदय माहुरकर के बीच तीखी बहस छिड़ गई। इस बीच माहुरकर और आचार्य प्रमोद के बीच तू तू-मैं मैं भी शुरू हो गई। दरअसल, डिबेट में जब सावरकर का जिक्र हुआ तो तस्लीम रहमानी चिल्लाते हुए सवाल करने लगे कि- ‘कांग्रेस हिंदुत्व के लिए लड़ रही थी या आजादी के लिए लड़ रही थी। ये बहस का मुद्दा है।’
इस पर उदय माहुरकर कहने लगते हैं- ‘ये तो माइंड वाइश वॉश करने की बात कर रहे हैं, इस मंच का इस्तेमाल करके।’ उदय माहुरकर ने कहा कि रहमानी साहब को बहुत बुरा लगा। तभी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जवाब दिया- ‘आप इतिहास को बदलने का प्रयास आप कर रहे हैं उदय जी, मैं तो इतिहास को स्वीकार कर रहा हूं। मैं सावरकर के योगदान को स्वीकार कर रहा हूं। क्या आप उनकी दया याचिका को स्वीकार नहीं करते?’
इस सवाल पर उदय माहुरकर चिल्लाते हुए बोले- ‘न मैं स्वीकार नहीं करता हूं।’ कांग्रेस नेता इस बीच पूछने लगते हैं- ‘क्या आप कहना चाहते हैं कि सावरकर ने दया की चिट्ठी नहीं लिखी थी?’ उदय कहते हैं- सावरकर को आप गांधी की तरह से नहीं सोच सकते। आचार्य़ प्रमोद कहते हैं- ‘मैं सावरकर के योगदान को स्वीकार कर रहा हूं, आप उस इतिहास को स्वीकर नहीं कर रहे हैं।’ (वीर सावरकर के नाम पर क्यों है मतभेद? पढ़ें उनके जीवन से जुड़े प्रमुख किस्से)
इस पर उदय कहते हैं- ‘आप सावरकर के खिलाफ इसलिए हैं क्योंकि सावरकर की डिमांड बढ़ गई है।’ इस बात पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद रिएक्ट करते हैं और कहते हैं- ‘ये वाहियात बात है, बिलकुल वाहियात बात है। मैं आपकी बात से जरा भी सहमत नहीं।’ (वीर बताए जाने के बावजूद महात्मा गांधी की तीखी आलोचना के शिकार हुए थे सावरकर, जानिए क्यों?)
तभी पैनलिस्ट के बीच अचानक बहस गर्मा जाती है, जिसे अमिश देवगन कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं और टोकने लगते हैं। उदय माहुरकर कांग्रेस नेता के लिए कहते हैं- ‘आपकी पार्टी में जो नेता कर रहे हैं, आप उसे स्वीकार कर रहे हैं। इस मंच का इस्तेमाल करके आप पार्टी को वाइटवॉश करने का प्रयत्न कर रहे हैं।’
कांग्रेस नेता कहते हैं- ‘हमारी पार्टी में लोकतंत्र है जिसकी जैसी मर्जी वो बोल सकता है।’ तभी बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी बोलते हैं- ‘ये जो बोलना चाहते हैं, बाबर हमारा हीरो नहीं है तो बाबरी मस्जिद हम दोबारा बनवाएंगे, इन्होंने कहा था।’ इस बात पर तस्लीम रहमानी बिफर पड़ते हैं और कहते हैं- ‘इससे आगे आने वाली नस्लें भी परेशान रहेंगी।’ तभी अमिश देवगन कहते हैं-‘पता नहीं आप बाबर का जिक्र होते ही परेशान हो जाते हैं।’