अभी देश में कोरोना महामारी, टीकाकरण, किसान आंदोलन, गरीबी और बेरोजगारी आदि कई अहम मुद्दे हैं, लेकिन संसद में सिर्फ हंगामा मचा हुआ है। मानसून सत्र के दौरान संसद सुचारु रूप से न चल पाने को लेकर न्यूज 18 इंडिया की लाइव डिबेट में भी ये मुद्दा उठा जहां अमिश देवगन पैनलिस्ट से कई सवाल करते दिखे। वहीं शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी डिबेट के दौरान पलटकर जवाब दिए।

अमिश देवगन ने कहा- ‘विपक्ष आता है कि उनका स्थगित प्रस्ताव आए, और वो स्थगित प्रस्ताव स्वीकार हो जाए। मुख्तार अब्बास नकवी कहते हैं कि जो भी चर्चा, बहस चाहते हैं वो जो लेजिस्ट्रेटेव बिजनेस के डिसीजन में भाग लें, ऊपर वाला विपक्ष को सद्बुद्धि दे। दो चीजें बड़ी महत्वपूर्ण है, पहला जब सदन की कार्यवाही चलती है तब मंत्री का जवाब पूरा नहीं होने दिया जाता, उल्टा कहा जाता है कि देखिए इस तरह की तानाशाही नहीं चलनी चाहिए, और कागज फाड़ दिए जाते हैं।’

अमिश देवगन आगे सवाल करते हैं- ‘क्या आपको लगता है कि ऐसे कोरोना पर बात हो पाएगी, महंगाई पर बात हो पाएगी या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा जिसकी आप बात कर रहीं हैं, वो हो पाएगी? एक विदेशी कंपनी के आरोप के तहत ये पूरी स्टोरी आई। उसके तहत आप चाहते हैं कि सबसे पहले स्थगित प्रस्ताव उस विषय पर स्वीकार हो जाए? क्या आपको लगता नहीं है कि ये विपक्ष की भी जिद है?’

इस पर शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी अमिश देवगन पर निशाना साधते हुए कहती हैं- ‘सबसे पहले तो मैं कहना चाहती हूं, अमिश जी! मुझे पता है कि आपको खास दुख होता है जब मैं भारतीय जनता पार्टी का इतिहास निकालती हूं। आपको तब दुख हुआ था आपने कहा था बार बार नाम लेते हैं, पर लेना जरूरी है।’

इस बात को काटते हुए अमिश कहते हैं- ‘मुझे किसी बात का न दुख होता है न सुख होता है। आप अपनी बात अपने विषय को रखिए।’ इस पर शिवसेना नेता कहती हैं – ‘अरे अरे भाईसाहब, मुझे बोलने दीजिए प्लीज। आप भी दखलअंदाजी करेंगे आपसे ये उम्मीद नहीं थी। कभी सुनने की भी क्षमता रखिए।’

प्रियंका चतुर्वेदी आगे कहती हैं- ‘तो आपने कहा कि पेपर फाड़ना क्या ये मर्य़ादा है, ये मर्यादा नहीं है। पेपर फाड़ने का इतिहास पहला नहीं है। अगर पेपर किसी ने इस तरह से फाड़ा है जहां गलत काम हुआ है, चेयरमैन ने उस पर एक्शन भी लिया है।’