हिंदी के जाने – माने कवि कुमार विश्वास का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो देश के महान राजनीतिक हस्ती, देश के पहले प्रधानमंत्री की बात करते नज़र आ रहे हैं। उन्होंने यह वीडियो 29 जून 2020 को ट्वीट करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘असली गांधी हो, नेहरू हो, नेताजी सुभाष हो, लोहिया हो, जयप्रकाश हो, शास्त्री जी हो- पूर्वजों को वोट बैंक या बाज़ार के हिसाब से नहीं पूजना चाहिए। हमारी औकात नहीं कि हम अपने महान पूर्वजों के उन परिस्थितियों के लिए निर्णयों पर तपसरा करें। अतीत पर रोना नहीं, चिंतन करना चाहिए और सीखना चाहिए।’
वीडियो में कुमार विश्वास जश्ने रेख़्ता में बोलते दिख रहे हैं। वो देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से जुड़ा एक किस्सा सुना रहे हैं। वो कहते हैं, ‘नेहरू जी का जन्मदिन था, सारे बड़े कवि आए हुए थे हिंदुस्तान के। बच्चन जी (हरिवंश राय बच्चन) ने कवि गोष्ठी रखी थी, नागार्जुन आए हुए थे। किसी संदर्भ ने नागार्जुन बच्चन जी से मिलने गए थे। इंदिरा जी नागार्जुन को पहले सुन चुकीं थीं और नागार्जुन उन्हें ‘इंदु’ कहकर बुलाते थे। इंदिरा नागार्जुन को बुलाने आईं कवि गोष्ठी के लिए तो नागार्जुन बोले, इंदु तुम्हारे पिता हमारी कविता सुन नहीं पाएंगे।’
कुमार विश्वास वीडियो में आगे कहते हैं, ‘इंदिरा जी ने कहा कि कोई बात नहीं, आप चलिए सब सुनेंगे। ताक़त देखिए, हिंदुस्तान का इतना बड़ा मसीहा.. आज के लोगों की तो क्या ताक़त होगी, कुछ भी फ़ैला लो। व्हाटसएप यूनिवर्सिटी पर अपना सिलेबस भेजते रहो। हिंदुस्तान की आजादी की आंखों को भाखड़ा नांगल बांध और आईआईटी, आईआईएम का ख्वाब देने वाला आदमी आपको पंसद नहीं है तो ये आपकी दिक्कत है।’
असली गाँधी हों,नेहरू हों,नेताजी सुभाष हों,लोहिया हों,जयप्रकाश हों या शास्त्री जी, पूर्वजों को वोट या बाज़ार के हिसाब से नहीं पूजना चाहिए
हमारी औक़ात नहीं कि हम अपने महान पूर्वजों के उन परिस्थितियों में लिए निर्णयों पर तपसरा करें
अतीत पर रोना नहीं चिंतन करना चाहिए और सीखना चाहिए https://t.co/ben6PLqdfD— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) June 29, 2020
कुमार विश्वास ने आगे कहा, ‘क्या कहने वाले का कलेजा होगा और क्या सुनने वाले का जब्त होगा। वो आदमी जिसे नासिर, टीटो सलाम करते थे, वो आदमी जिसे अमेरिका और रूस अपने खेमे में लेना चाहते थे, वो आदमी जो गांधी का दत्तक पुत्र माना जाता था, उस आदमी को सामने बिठाकर एक नौजवान कवि नागार्जुन ने कविता पढ़ी।’
कुमार विश्वास ने नागार्जुन की वो कविता सुनाई और बोले- ‘वतन बेचकर पंडित नेहरू फूल नहीं समाते हैं, फिर भी गांधी की समाधि पर झुक झुक फूल चढ़ाते हैं’ और ये नेहरु ने सुनी। उन्होंने ये नहीं कहा कि उन्हें ईडी का समन भेज दी, उनके घर सीबीआई भेज दो, पुलिस भेज दो।’