हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई पर जूता फेंकने की घटना हुई। 6 अक्टूबर को सत्र के दौरान एक शख्स ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंका। जिसके बाद उस शख्स को सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत बाहर कर दिया। इस घटना को लेकर तमाम रिएक्शन सामने आ रहे हैं तो लोक गायिका नेहा सिंह राठौर कैसे पीछे रहें। उन्होंने भी सीजेआई पर फेंके गए जूते का जिक्र किया है और सरकार पर निशाना साधा है।

पहले नेहा सिंह राठौर ने इस घटना को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा, “भरोसा नहीं हो रहा! इतनी हिम्मत!” इसके बाद उन्होंने दो तस्वीरें शेयर की, एक में लिखा था, “सीजेआई बीआर गवई पर फेंका गया जूता। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुई घटना।” दूसरी तस्वीर पर लिखा था, “धर्म नहीं, जाति देखी।” इसके साथ कैप्शन में नेहा ने लिखा, “मोदीकाल का भारत।”

आपको बता दें कि सीजेआई पर जूता फेंकने वाला कोई और नहीं बल्कि एक वकील है, जिसका नाम राकेश किशोर है। राकेश को इस घटना के बाद निलंबित कर दिया गया है और राकेश किशोर की मानें तो उसे अपने किए पर बिल्कुल अफसोस नहीं है। इसके बारे में भी शेयर करते हुए नेहा ने लिखा है, “वोटचोर पार्टी इन्हें टिकट दे तो हैरान मत होइएगा।”

सीजेआई की टिप्पणी से नाखुश था वकील

राकेश किशोर ने बताया कि उसने इस तरह की हरकत क्यों की है। उसका कहना है कि मध्यप्रदेश के खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की मूर्ति की पुनर्स्थापना के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई ने जो टिप्पणी की थी, वो उससे नाखुश था। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…

यह भी पढ़ें: ‘ये उस्ताद हमें बताएंगे…’, ‘लक्ष्य’ की शूटिंग के वक्त रात को अमिताभ बच्चन के कमरे में पहुंच गए थे फरहान अख्तर

अनिरुद्धाचार्य ने भी किया था रिएक्ट

चीफ जस्टिस बीआर गवई ने खजुराहो में भगवान विष्णु की मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर आप भगवान विष्णु के परम भक्त हैं, तो आप खुद भगवान से प्रार्थना कर सकते हैं। इसके बाद  अनिरुद्धाचार्य ने कहा था कि अभी हमारे भारत में एक मंदिर का केस लेकर के एक जज के पास एक व्यक्ति गया। कहा भाई मुगलों ने हमारे इस मंदिर को तोड़ दिया है, ये विष्णु भगवान का मंदिर था और भगवान विष्णु की गर्दन तोड़ दी गई है। तो याचिकाकर्ता ने कहा कि जज साहब यहां हमारा मंदिर बनाना चाहिए, क्योंकि मंदिर के अवशेष हैं। केवल सिर काटा गया है, बाकी प्रमाण है कि ये मंदिर है। मंदिर भी बना है, कुछ जीर्ण है तो आप यहां मूर्ति प्रतिष्ठा करने की इजाजत दो कि विष्णु भगवान का मंदिर है तो विष्णु भगवान ही यहां पर बैठेंगे। प्रतिष्ठित होंगे, तो एक जज ने कहा कि हम क्यों निर्णय दें?

यह भी पढ़ें: अलीशा चिनॉय ने ‘कजरा रे’ के लिए ठुकराया था ₹15,000 का चेक, बोलीं – “मुझे बहुत दुख हुआ, मैं उस वक्त बड़ी थी”

उन्होंने आगे कहा था, “जज साहब से जरा एक सवाल करना है, कहीं मिले तो पूछना कि सब काम भगवान ही करेंगे तो काहे कुर्सी तोड़ रहे हो? जज बनाया गया है, इसलिए ना कि  न्याय करो, न्याय करना चाहिए। अब आप हिंदू सनातन संस्कृति का अपमान करते हो, बोले तुम्हारे भगवान में शक्ति है तो खुद बना ले मंदिर। वो तो सब कर सकते हैं, वो तो प्रकट होकर रावण को भी मार सकते हैं। हिरण्यकश्यप की छाती भी फाड़ सकते हैं। अब तुम्हें अपनी छाती फड़वानी है तो बताओ नरसिंह भगवान से क्योंकि तुम जैसे अधर्मियों को मारने के लिए भगवान आते हैं।” उनकी इस टिप्पणी का जिक्र करते हुए भी नेहा सिंह राठौर ने पूछा था, “इतनी हिम्मत?” पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…