व्यवसायिक और गंभीर फिल्मों के बीच सही संतुलन बनाने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि यह मान्यता गलत है कि मुख्यधारा की सभी फिल्मों में अच्छी कहानी नहीं होती। उन्होंने से कहा, ‘‘एक अभिनेता के तौर पर हर विधा की फिल्म में काम करना महत्वपूर्ण है। यह एक मिथक है कि व्यवसायिक फिल्मों में अच्छी कहानी नहीं होती, ‘बजरंगी भाईजान’ को देख लीजिए।’’
42 साल के अभिनेता ने कहा, ‘‘मैं मुख्यधारा की व्यवासिक फिल्मों और वैकल्पिक एवं छोटी फिल्मों दोनों में काम कर संतुलन बनाउच्च्ंगा। व्यवासिक फिल्मों से मुझे दर्शकों का ध्यान अपनी दूसरी फिल्मों पर दिलाने में मदद मिलती है।’’ नवाजुद्दीन की नयी फिल्म ‘रमन राघव 2.0’ इस हफ्ते रिलीज हुई है जिसमें वह एक सीरियल किलर के किरदार में हैं।
उन्होंने अपने किरदार को लेकर कहा, ‘‘उसके :रमन राघव : सोचने का तरीका आम इंसानों से बहुत अलग है। उनके पास हर हत्या का तर्क है, हर हत्या को सही ठहराने का तर्क है। यह मानना मुश्किल है कि उसने इतने सारी हत्याएं क्यों कीं। वह सामाजिक और नैतिक रूप से गलत है।’’
अभिनेता ने कहा, ‘‘मुझे उसकी विचाराधारा, तर्क को आत्मसात करने में समय लगा। यह किरदार निभाना मेरे लिए मानसिक रूप से थकाउच्च् था। मैंने इस किरदार को पूरे विश्वास के साथ जीने की सर्वश्रेष्ठ कोशिश की।’’ अनुराग कश्यप ने ‘रमन राघव 2.0’ फिल्म का निर्देशन किया है। इससे पहले नवाजुद्दीन अनुराग की तीन फिल्मों – ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘गैंग्स आॅफ वासेपुर’ और ‘द लंच बॉक्स’ में काम कर चुके हैं।
नवाजुद्दीन ने कहा, ‘‘मैं असामान्य औैर अप्रत्याशित भूमिकाएं देने के लिए अनुराग कश्यप का आभारी हूं। अनुराग बहुत हीं प्रतिभाशाली फिल्मकार हैं और लोग उनकी फिल्में पसंद करते हैं। मुझे उम्मीद है कि ‘रमन राघव 2.0’ अच्छा प्रदर्शन करेगी।’’