हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने तालिबान का समर्थन करने वाले भारतीय मुसलमानों को नसीहत दी है कि वो तालिबान की जीत की खुशी न मनाएं, ये खतरनाक है। उन्होंने बुधवार को एक वीडियो जारी किया जिसमें वो हिंदुस्तानी इस्लाम के बारे में समझाते दिख रहे हैं। वो कह रहे हैं कि हिंदुस्तानी मुसलमानों को खुद से सवाल पूछना चाहिए कि वो अपने धर्म में सुधार चाहते हैं या पुरानी वहशीपन के साथ रहना चाहते हैं ।

वीडियो में नसीरुद्दीन शाह कह रहे हैं, ‘हालांकि अफगानिस्तान में तालिबान का हुकूमत पा लेना दुनिया भर के लिए फिक्र की बात है इससे कम खतरनाक नहीं है हिंदुस्तानी मुसलमानों के कुछ तबकों का उन वहशियों की वापसी पर जश्न मनाना। आज हर हिंदुस्तानी मुसलमान को खुद से ये सवाल पूछना चाहिए कि उसे अपने मजहब में सुधार और आधुनिकता चाहिए या नहीं या पिछली सदियों के वहशीपन के साथ रहना चाहते हैं वो?’

वो आगे बोले, ‘मैं हिंदुस्तानी मुसलमान हूं और जैसा कि मिर्जा गालिब कह गए हैं, मेरा रिश्ता अल्लाह मियां से बेहद बेतकल्लुफ है, मुझे सियासी मजहब को कोई जरूरत नहीं है। हिंदुस्तानी इस्लाम हमेशा दुनिया भर के इस्लाम से अलग रहा है और खुदा वो वक्त न लाए कि वो इतना बदल जाए कि हम उसे पहचान भी न सकें।’

बता दें, 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था। राष्ट्रपति असरफ गनी देश छोड़कर यूएई चले गए जिसके बाद तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। तालिबान को लेकर पाकिस्तान से सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आई।

भारत के भी कुछ कट्टर मुस्लिम संगठनों में अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे पर खुशी जाहिर की। नसीरुद्दीन शाह ने ऐसे ही लोगों को निशाना बनाते हुए अपनी बात रखी है।