प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में बड़े फेरबदल किए हैं। पीएम मोदी के मंत्री परिषद का बुधवार को विस्तार हुआ है, जिसमें उन्होंने कुल 43 लोगों को जगह दी और शपथ दिलाई गई। ऐसे में सोशल मीडिया पर मोदी कैबिनेट के विस्तार पर खूब चर्चा हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी मोदी कैबिनेट के विस्तार पर तीन ट्वीट किए। अपनी पोस्ट में पुण्य प्रसून बाजपेयी ने कहा- ‘क्या पत्ते फेंटे, सभी जोकर हो गए!’
दूसरे पोस्ट में पत्रकार बाजपेयी ने नए मंत्रियों को बधाई देते हुए कहा- ‘बधाई..77 मंत्रियों के ज़िम्मे भारत !’ अगले पोस्ट पर बाजपेयी ने कहा- ‘डी-कोड मोदी मंत्रिमंडल, ताक़त दो के पास ज़िम्मेदारी 77 पर.. निगाहों में जाति समीकरण निशाने पर चुनाव।’
इसी के साथ ही उन्होंने एक वीडियो लिंक शेयर किया जिसमें बाजपेयी कहते दिखे- ‘क्या वाकई केंद्र के मंत्रिमंडल में फेरबदल कर के जिन चेहरों को शामिल किया जाएं, उन चेहरों के भरोसे राज्यों में चुनाव जीते जा सकते हैं? जो चेहरे मंत्री बनाए जाएं, उनकी जातियों पर खासतौर पर अगर पेनी निगाह रखी जाए तो फिर मंत्री बनने के बाद उस समुदाय विशेष के वोट क्या वाकई उस पार्टी को मिलने लगेंगे? जिस पार्टी की सत्ता केंद्र में है और राज्य में वो चाहते हैं कि सत्ता बरकरार रहे!’
या फिर जब मुश्किल हालातों में देश लगातार गुजर रहा है और इस बदलती परिस्थिति के बीच लोगों के सामने ऐसे बहुत सारे सवाल जिंदगी जीने के दौर को लेकर रहे! तोक्या तमाम मंत्रालय के मंत्रियों को हटा कर के ये संदेश दिया जा सकता है?
बाजपेयी के इन पोस्ट के बाद लोगों के ढेरों कमेंट्स सामने आने लगे। अजय कुमार नाम के एक यूजर ने कहा- ‘केंद्र में सिर्फ़ #डेढ़ मंत्री हैं, एक मोदी और दूसरा अमित शाह बाक़ी सभी सिर्फ़ #जाति समीकरण के हिसाब से वोट लेने के लिए लाए गए हैं, बाक़ी #जनता को समझना है कि गलती इन डेढ़ मंत्री की है लेकिन #ठीकरा फोड़ेंगे दूसरों पर।’ एक यूजर ने लिखा- ‘मोदी को डी-कोड करना किसी लल्लू पंजू का काम नही है। जहां सबकी सोच ख़त्म होती है, मोदी जी की वहां से चालू होती है।’
क्या पत्ते फेंटें …
सभी जोकर हो गये…— punya prasun bajpai (@ppbajpai) July 7, 2021
प्रमोद नाम के यूजर बोले- ‘उम्मीद है अब EVM पर छाती नहीं पीटी जाएगी। पहले तो ऐसे ही कामों के लिए लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव और मायावती को सोशल इंजीनियरिंग का तुम प्रमाणपत्र अपने प्राइम टाइम पर दे चुके हो और आज जाति समीकरण बता रहे हो?’
सागर नाम के शख्स ने कहा- ये तो इनका पुराना खेल है सर, चुनावों में वोटों के लिए कुछ भी करेंगे और जैसे ही वोट मिल जाते हैं, सबको भूल जाते हैं। इनके लिए जनता की परेशानी कोई मायने नहीं रखती है।