फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ (The Kerala Story) रिलीज से पहले से ही विवादों में घिरी हुई थी। बावजूद इसके फिल्म को काफी देखा और पसंद किया गया। लेकिन अब भी कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इनमें से एक दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह भी हैं। शाह ने कहा कि एक्टर्स को ऐसी फिल्मों का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। न उन्होंने अब तक ये फिल्म देखी और न वह इसे देखेंगे। एक्टर के इस बयान पर भोजपुरी एक्टर और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी का बयान सामने आया है।

मनोज तिवारी का कहना है कि नसीरुद्दीन शाह की नीयत में खोट है। मनोज ने कहा कि भले ही नसीरुद्दीन एक्टर बहुत अच्छे हैं लेकिन उनकी सोच सही नहीं है। अगर शाह को ‘द केरल स्टोरी’ से दिक्कत है तो वह इसके खिलाफ कोर्ट में जा सकते हैं।

आजतक के साथ बातचीत में मनोज ने कहा,”जब इस देश में ऐसी फिल्में बनती थीं कि जिसमें दिखाया जाता था कि एक दुकान से गुजरती लड़की को वहां बैठा आदमी गलत नजरों से देखता है। वहां सामने एक पुजारी बैठ कर घंटी बजाता है। क्या ऐसी फिल्में दुष्प्रचार को बढ़ावा नहीं देती थीं”

घर पर बैठकर ये बातें करना आसान है- मनोज तिवारी

तिवारी ने कहा कि ‘द केरल स्टोरी’ फैक्ट्स पर आधारित है और कई पीड़िताओं ने इस मामले में शिकायतें भी दर्ज कराई हैं। अगर नसीरुद्दीन शाह में हिम्मत है तो वह कोर्ट जाएं। तिवारी ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह The Kerala Story और The Kashmir Files जैसी फिल्मों को झुठला नहीं सकते। घर पर बैठकर ऐसी बातें करना आसान हैं, लेकिन ये बातें एक भारतीय होने के नाते सही नहीं हैं।

क्या बोले थे शाह?

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा था,”‘अफवाह’, ‘भीड़’ और ‘फराज़’ जैसी बेहतरीन फिल्में बॉक्स ऑफिस पर दम तोड़ देती हैं, लेकिन ‘द केरल स्टोरी’ बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन करती है। लोग इस फिल्म को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, लेकिन ना तो उन्होंने अभी इस फिल्म को देखा है और ना ही उनका देखने का मन है।”

इसके अलावा शाह ने कहा था,”हिटलर के समय में सरकारें या नेता फिल्ममेकर्स से अपनी ऊपर फिल्में बनवाते थे और उनकी तारीफें होती थीं। उसमें दिखाया जाता था कि सरकार ने देश के लोगों के लिए क्या क्या किया है। इसी वजह से कई फिल्ममेकर जर्मनी छोड़कर हॉलीवुड चले जाते थे और वहां फिल्में बनाते थे। अब यही सब यहां भी हो रही है।”