दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार जिन्हें भारत कुमार के नाम से भी जाना जाता है, अब इस दुनिया में नहीं रहे। 4 अप्रैल को सुबह करीब 3:30 बजे उनका मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके इस दुनिया से जाने पर हर कोई दुखी है और भारी मन से श्रद्धांजलि दे रहा है। एक्टर ने अपने एक्टिंग करियर के दौरान कई देश भक्ति फिल्में की और ये ही कारण है कि उन्हें भारत कुमार भी कहा जाता है।

फिल्म ‘शहीद’ मनोज कुमार के देश के प्रति जुनून का सबसे बेहतरीन उदाहरण है, इस फिल्म में उन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की भूमिका निभाई थी और अपने काम के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। लेकिन एक परोपकारी कदम उठाते हुए उन्होंने अपनी पुरस्कार राशि भगत सिंह के परिवार को दान कर दी थी।

एस राम शर्मा द्वारा निर्देशित ये फिल्म 1 जनवरी 1965 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म में उस दौर के कई दिग्गज कलाकार थे, जैसे मनोज कुमार, कामिनी कौशल, प्राण, प्रेम चोपड़ा, मनमोहन, मदन पुरी और करण दीवान। हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए मनोज ने बताया था कि फिल्म के लिए मिले नेशनल अवॉर्ड की प्राइज मनी का उन्होंने क्या किया था। उन्होंने कहा था, “मैंने अपने राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए मिली पूरी राशि शहीद भगत सिंह के परिवार को दान कर दी। पुरस्कार किसी भी रचनात्मक व्यक्ति को संतुष्टि का एहसास देते हैं। मुझे खुशी है कि सरकार ने आखिरकार मेरे काम को पुरस्कृत किया है।”

मनोज कुमार ने दिल्ली में एक फिल्म फेस्टिवल के दौरान महान निर्देशक सत्यजीत रे से मुलाकात के बारे में भी बात की थी। जिन्हें वे प्यार से माणिक दा कहते थे। उन्होंने कुमार की फिल्म ‘उपकार’ (1967) और रे की ‘चारुलता’ (1964) पर चर्चा की। मनोज कुमार ने बताया था, “मैंने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने मेरी फिल्म ‘उपकार’ देखी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने देखी है, लेकिन ये उन्हें बहुत मेलोड्रामाटिक लगी। मैंने मुस्कुराते हुए उनसे पूछा कि क्या उनकी अपनी फिल्म ‘चारुलता’ का वो सीन, जिसमें सौमित्र चटर्जी द्वारा माधवी मुखर्जी को देखने पर आंधी आती है, वो मेलोड्रामाटिक नहीं है। मुझे प्यार से थपथपाते हुए माणिक दा ने कहा कि मैंने उन्हें पकड़ लिया! आज भी माणिक दा जैसा कोई नहीं हो सकता।”

बता दें कि मनोज कुमार लंबे समय से बीमार चल रहे थे, उन्हें लीवर सिरोसिस था, जिसके कारण पिछले कुछ समय से खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे थे। देश भर से लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।\