प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यास तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पश्चिम बंगाल में थे जहां उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। लेकिन उनकी यह मुलाकात विवादों में तब आ गई जब ऐसी खबरें आईं कि ममता बनर्जी ने पीएम को आधे घंटे इंतजार कराया। हालांकि ममता बनर्जी ने इस आरोप के जवाब में एक और आरोप लगाते हुए कहा कि यह बैठक उन्हें नीचा दिखाने की योजना थी। उन्होंने पीएम को इंतजार नहीं कराया बल्कि उन्हें ही पीएम से मिलने के लिए इंतजार करना पड़ा। यह मुद्दा टीवी डिबेट्स पर भी छाया रहा जहां बीजेपी प्रवक्ता गुरुप्रकाश पासवान और टीएमसी नेता तौसीफ खान एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते दिखे।

न्यूज़ 18 इंडिया के डिबेट शो ‘देश को जवाब दो, पर बोलते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि ममता बनर्जी लगातार पॉलिटिकल स्टंटबाजी करती हैं और उनकी नजर 2024 के चुनावों पर है। उन्होंने कहा, ‘ये सबने देखा है कि ममता दीदी का एक पैटर्न रहा है।  वो राज्यपाल से लड़ती हैं, अपने चुनाव के समय वो केंद्रीय सुरक्षा बलों से लड़ती हैं।’

वो आगे बोले, ‘अम्फान तूफान का पैसा आता है तो कोर्ट में चली जाती हैं। लगातार आपको पॉलिटिकल स्टंटबाजी करने की बीमारी हो गई है। आपको चर्चा में बने रहना है। आपकी नजर सिर्फ 2024 पर है। आपने महत्वाकांक्षा बनाकर रखी है। इसमें कोई बुराई नहीं लेकिन जब कोरोना का समय है, साइक्लोन का समय है तो आपको साथ आना चाहिए।’

 

 

वहीं डिबेट के दौरान टीएमसी नेता तौसीफ खान ने प्रधानमंत्री मोदी पर व्यंग करते हुए कहा कि सीएम का हक है कि वो अपना काम करे और मन की बातों पर ध्यान न दें। शो के एंकर प्रतीक त्रिवेदी ने उनसे पूछा कि मीटिंग के दौरान बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी को बुलाया जा सकता था क्यों नहीं बुलाया गया?

 

जवाब में तो टीएमसी नेता बोले, ‘प्रधानमंत्री अपना दरबार सजाते हैं तो वो किसी को भी बुला सकते हैं, उन्हें कोई रोक नहीं सकता।’ शो के एंकर ने कहा कि वो कोई राजा नहीं है जो उनका दरबार सजे तो टीएमसी नेता ने कहा, ‘राजा नहीं हैं लेकिन राजा जैसा व्यवहार है। यही तो मैं कह रहा हूं कि वो राजा नहीं हैं।’

 

वो आगे बोले, ‘एक चीफ़ मिनिस्टर को ये हक है कि वो सिर्फ काम की बात करे, मन की बातों में ध्यान न दे। रिपोर्ट दे और चले जाए अगर पीएम चाहते हैं मन की बात करना तो फोन पर भी कर सकते हैं।’