बुधवार सुबह रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर राजनीति भी तेज़ हो गई है। उनकी यह गिरफ्तारी एक 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर के कथित आत्महत्या मामले में उकसाने में आरोप में हुई है। विरोधी पार्टियों द्वारा महाराष्ट्र की सरकार पर बदले की भावना से गिरफ्तारी का आरोप लगाया जा रहा है। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि गिरफ्तारी का राज्य सरकार या किसी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं है। अब महराष्ट्र सरकार के एक मंत्री ने इस गिरफ्तारी को लेकर एक टिप्पणी की है।

महाराष्ट्र की सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री कांग्रेस नेता नवाब मलिक ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को इंडियाज मोस्ट वांटेड पार्ट 2 कहा है। उन्होंने उस घटना को याद किया जिसमें एक टीवी क्राइम शो के एंकर पर अपनी पत्नी को मारने के आरोप लगे थे। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए एक ट्वीट किया, ‘एक समय एक शो हुआ करता था इंडियाज मोस्ट वांटेड, जो एंकर मर्डर और आत्महत्या को हाईलाइट करता था, वहीं एंकर अपनी पत्नी की हत्या के लिए भी जिम्मेदार ठहराया गया। यह इंडियाज मोस्ट वांटेड पार्ट 2 का हिस्सा हैं, एक दूसरा एंकर जो ठीक वही काम करता है और अब एक आत्महत्या के लिए जिम्मेदार है।’ इस ट्वीट के साथ उन्होंने अर्नब अरेस्टेड का हैशटैग भी लगाया।

इससे पहले जब रिपब्लिक टीवी का नाम टीआरपी स्कैम में आया था तब नवाब मलिक का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कथित तौर पर उन्होंने कहा था कि अर्नब इस स्कैम से इतने हतास हो जाएंगे कि अंत में उन्हें आत्महत्या करनी पड़ेगी। शिवसेना के प्रमुख नेता संजय राउत ने पत्रकारों से बातचीत में अर्नब की गिरफ्तारी को लेकर कहा, ‘महाराष्ट्र में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया जाता है। पुलिस के पास यदि सबूत है तो वो किसी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। राज्य सरकार ने बदले की भावना से करवाई नहीं की है। महाराष्ट्र में अराजकता नहीं है और कानून का पालन किया जाता है।’

आपको बता दें कि 1998 में शुरू हुआ मशहूर क्राइम शो, ‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ को सुहैब इलियासी होस्ट करते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी पत्नी अंजू इलियासी की वर्ष 2000 में चाकू लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। सुहैब ने पुलिस को बताया था कि अंजू ने खुद को चाकू मारकर आत्महत्या कर ली। लेकिन अंजू के परिवार वालों का आरोप था कि यह सुहैब द्वारा की गई हत्या है। इस आधार पर उन पर लंबा कैसे चला लेकिन अक्टूबर 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सुहैब को संदेह के आधार पर सभी आरोपों से बरी कर दिया।