साल 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का मुकदमा अभिनेता संजय दत्त को 20 साल तक परेशान करता रहा। संजय दत्त का बुरा वक्त उस ​वक्त फिर लौट आया, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 21 मार्च को पांच साल कैद की सजा सुनाई। जिस वक्त ये हादसा हुआ था, उस वक्त संजय दत्त की फिल्में बॉक्स आॅफिस पर तहलका मचा रहीं थीं। साजन और खलनायक जैसी फिल्मों के कारण संजय दत्त हर जवान दिल की धड़कन थे। ये साल 1994 था, जब अभिनेता संजय दत्त को मुंबई के एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। बाद में अपने कबूलनामे में अभिनेता संजय दत्त ने हर सच को बेबाकी से स्वीकार किया था। संजय दत्त ने कहा था,”माफिया डॉन अबु सलेम जनवरी 1993 में मेरे घर आया था। उसके साथ समीर हिंगोरा और हनीफ कड़ावाला भी थे। समीर और हनीफ मैगनम वीडियो के मालिक थे और कथित तौर पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के बेहद करीबी माने जाते थे।”

साल 1993 में मुंबई के सिलसिलेवार बम धमाके के बाद तबाही का नजारा। Express archive photo

सलेम के कहने पर रखे थे हथियार: संजय दत्त ने बताया था,” ये तीनों मेरे घर पर तीन एके-56 रायफल और उसके कारतूस लेकर आए थे, मैंने एक रायफल और उसके कारतूस रख लिए। मुझसे रायफल रखने के लिए अबु सलेम ने कहा था। उसने कहा,’संजू भाई, परिवार की हिफाजत के लिए एक तो रख लो।’ उसके कहने पर रायफल मैंने सिर्फ इसलिए रखी थी ताकि जरूरत पड़ने पर मैं अपने परिवार की हिफाजत कर सकूं। मेरे परिवार को दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस और मुंबई दंगों के बाद से लगातार ध​मकियां मिल रहीं थीं। मैं अपने परिवार की सुरक्षा के लिए लगातार परेशान था।”

संजय दत्त की रिहाई के लिए आयोजित मार्च में हिस्सा लेतीं उनकी प्रेमिका रिया पिल्लई। Express archive photo

टाडा के तहत दर्ज हुआ था मुकदमा: संजय दत्त ने बाद में कहा,”जब मुझे पता चला कि मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में समीर हिंगोरा और हनीफ कड़ावाला को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद मैंने अपने दोस्त यूसुफ नलवाला से रायफल को नष्ट करने के लिए कहा।” बाद में इसी मामले में संजय दत्त को गिरफ्तार भी किया गया। संजय दत्त पर कड़ी धाराएं लगाते हुए आतंकवादी और विध्वंसकारी गतिविधि निरोधक कानून यानी टाडा के तहत मामला दर्ज किया गया। संजय दत्त पर आरोप था कि वह बम धमाकों में शामिल होने और अबु सलेम से हथियार हासिल करने के आरोपी हैं।

फिल्म अभिनेता संजय दत्त अपने पिता सुनील दत्त के साथ। Express archive photo by Neeraj Priyadarshi

हालातों से टूट गए थे संजय दत्त: फिल्म निर्माता महेश भट्ट, संजय दत्त से मिलने के लिए मुंबई की आॅर्थर रोड जेल में गए थे। उन्होंने कहा था,”कुछ ही लोग होते हैं जो जिंदगी में ऐसे हालातों से बाहर निकलने में कामयाब हो पाते हैं। मैंने उसे आॅर्थर रोड जेल में देखा था। वह टूटा हुआ संजय दत्त था। ये यकीन करना मुश्किल था कि ये इंसान जिंदगी में अब कभी भी अपनी टूटी हुई जिंदगी को ठीक कर पाएगा। लेकिन जो आज उसने किया है, वो एक चमत्कार है।”

कोर्ट ने कहा, तुम आतंकवादी नहीं हो: संजय दत्त को जेल से निकलने में पूरे 18 महीने लग गए। उनकी रिहाई के लिए बड़े कांग्रेस नेता और उनके पिता सुनील दत्त ने शिवसेना सुप्रीमो बाला साहब ठाकरे से मदद मांगी थी। संजय दत्त के लिए राहत का मौका पूरे 11 साल के बाद आया। जब नवंबर 2006 में टाडा कोर्ट के जज ने उनसे कहा था,”हर बार तुम कहते थे कि तुम आतंकवादी नहीं हो, आज मैं कहता हूं कि हां, तुम आतंकवादी नहीं हो।” कोर्ट ने माना था कि संजय ने ये हथियार अपनी आत्मरक्षा के लिए हासिल किया था।

शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे और संजय दत्त। Express archive photo

हालातों से टूट गए थे संजय दत्त: संजय दत्त को टाडा से बरी कर दिया गया, लेकिन आर्म्स एक्ट की हल्की धाराओं में उन्हें 6 साल कैद की सजा सुनाई गई। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली। लेकिन ये भी कहा गया कि संजय दत्त को जमानत का फैसला उनके परिवार के ऊंचे राजनीतिक रसूख के कारण किया गया था। रिटायर पुलिस अधिकारी वाईसी पवार ने ही मुंबई के सीरियल ब्लास्ट केस की जांच की थी। उन्होंने कहा था,”मेरा माना है कि राजनीतिक दबाव इस मामले में था। ये कैसे संभव है कि एक ही किस्म के मामले में सभी आरोपी दोषी पाए जाएं और किसी एक को अलग तरह का ट्रीटमेंट दिया जाए।”

मुंबई की आॅर्थर रोड जेल से 17 अक्टूबर 1995 को रिहा होते हुए अभिनेता संजय दत्त। Express archive photo by Neeraj Priyadarshi

दांव पर लगे थे 70 करोड़: बचाव पक्ष के वकीलों ने भी सवाल खड़े किए थे कि क्यों सीबीआई ने संजय दत्त को बरी करने के फैसले को चुनौती नहीं दी? लेकिन संजय दत्त के दोस्त महेश भट्ट ने कहा था कि संजय दत्त ने इस मामले में शामिल होने की कीमत चुकाई है। उनके ऊपर बॉलीवुड में काफी पैसा यानी करीब 70 करोड़ रुपया लगा हुआ था। उनकी तीन फिल्में पुलिसगीरी, जंजीर और पीके फ्लोर पर थीं।