तू कर वो जो तू चाहता है… होगा वो जो मैं चाहता हूं…। इस लाइन का इस्तेमाल लोग अक्सर किस्मत और भाग्य के लिए करते हैं। हर किसी की जिंदगी में ऐसा अक्सर देखने के लिए मिलता है कि वो अपने जीवन में करना कुछ और चाहता है मगर हो कुछ और जाता है। कुछ ऐसी ही जिंदगी फिल्म ‘शोले’ के सांभा यानी कि मैक मोहन (Mac Mohan) की है, जो अपनी आंखों में क्रिकेटर बनने का ख़्वाब लेकर सपनों की नगरी मुंबई आए थे मगर विलेन बनकर छा गए। मगर, उनकी एक बुरी आदत ने सबकुछ खत्म कर दिया। वो अपनी जिंदगी की जंग हार गए।

फिल्म ‘शोले’ के ‘सांभा’ यानी मैक मोहन की आज पुण्यतिथि है। ऐसे में इस मौके पर उनके बारे में बता रहे हैं। उनका जन्म 24 अप्रैल, 1938 के दिन ब्रिटिश भारत के कराची में हुआ था। उनका असली नाम मोहन माकीजनी था। उनके पिता जी ब्रिटिशन आर्मी में कर्नल थे। हालांकि, बाद में 1940 में उनके पिता का ट्रांसफर लखनऊ में हो गया था, जहां उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी की थी और इसी दौरान उनकी दोस्ती सुनील दत्त से हुई थी। मैक कॉलेज के दिनों से ही थिएटर करने लगे थे और बाद में पुणे के फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट से एक्टिंग के गुर सीखे थे।

‘हकीकत’ से किया डेब्यू, ‘शोले’ से मिली पहचान

मैक मोहन ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘हकीकत’ से की थी, जिसे 1964 में रिलीज किया गया था। इसके बाद उन्होंने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया और विलेन बनकर छा गए। एक्टर ने अपने करियर में 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। इसमें ‘सलाखें’, ‘जंजीर’, ‘डॉन’ और ‘काला पत्थर’ जैसी फिल्में शामिल हैं। आपको बता दें कि मैक ‘शोले’ में सांभा के किरदार से रातों-रात फेमस हो गए थे।

थिएटर में रोने लगे थे मैक

मैक मोहन को ‘शोले’ से काफी नेम और फेम मिला था। उन्होंने जब अपनी इस फिल्म को थिएटर में देखा था तो वो रोने लगे थे। दरअसल, मामला कुछ ऐसा था कि एक्टर ने इसमें कई रोल किए थे और सभी सीन को काट दिया गया था। डायरेक्टर रमेश सिप्पी से उन्होंने इसकी शिकायत की थी। इस पर निर्देशक की ओर से उन्हें जवाब दिया गया कि फिल्म अगर चल गई तो उन्हें सांभा से ही पहचाना जाएगा और ये सच साबित हुआ।

एक बुरी और खत्म हो गया सबकुछ

मैक मोहन अपने करियर के एक सफल एक्टर रहे हैं। लेकिन, उनकी एक बुरी आदत ने सबकुछ खत्म कर दिया। वो शराब और सिगरेट के आदी हो चुके थे। वो सिगरेट इतनी ज्यादा पीते थे कि माचिस की जरूरत ही नहीं होती थी। वो एक सिगरेट से दूसरी को जला लिया करते थे। इसकी वजह से उन्हें कैंसर हो गया था और 10 मई, 2010 को उनका निधन हो गया था।