बॉलीवुड की मशहूर सिंगर लता मंगेशकर ने अपनी गायकी से दुनियाभर में खूब नाम कमाया है। उनकी इस प्रतिभा के लिए उन्हें कई बड़े पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है। लता मंगेशकर ने न केवल हिंदी भाषा, बल्कि बंगाली और मराठी भाषा में भी हाथ आजमाया है। यूं तो लता मंगेशकर के कई फैंस हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने उन्हें मारने तक की कोशिश की थी। दरअसल, 1962 में लता मंगेशकर को जहर दिया गया था, जिससे वह लगातार तीन महीनों के लिए बीमार भी पड़ गई थीं।
लता मंगेशकर ने इस बात का खुलासा लंदन आधारित लेखक नसरीन मुन्नी कबीर को दिए इंटरव्यू में किया था। लता मंगेशकर ने इंटरव्यू में बताया था, “1962 में मैं करीब तीन महीनों के लिए बीमार पड़ गई थी। मुझे लगा था कि मैं दोबारा कभी भी गाना नहीं गा पाऊंगी। एक दिन मैं उठी तो मुझे पेट में तकलीफ हुई। उसके बाद ही मुझे हरे रंग की उल्टियां होनी शुरू हो गई थीं।”
लता मंगेशकर ने इस सिलसिले में आगे कहा था, “डॉक्टर मेरे घर आए और अपने साथ एक एक्स-रे मशीन भी लेकर आए थे, क्योंकि मैं चल भी नहीं पा रही थी। उन्होंने मेरा एक्स-रे किया और बताया कि मुझे जहर दिया गया था।” लता मंगेशकर ने इंटरव्यू में बताया था कि उनके घर एक नौकर काम करता था, जो खाना बनाता था।
सिंगर ने इस बारे में आगे बताया, “ऊषा तुरंत किचन में गई और कहा कि अब से वह खाना बनाएगी। हमारे घर का खाना बनाने वाला वह नौकर बिना किसी से कुछ कहे और बिना अपनी सैलरी लिये ही वहां से चला गया। हमने सोचा कि शायद उसे यहां किसी ने उद्देश्य से भेजा था। हालांकि हमें मालूम नहीं था कि वह कौन था।”
लता मंगेशकर ने बताया कि उनकी इस मुश्किल घड़ी में मशहूर कवि और गीतकार मजरूह साहब ने उनका साथ दिया था। वह रोजाना उसने मिलने आते थे और उनके बेड के पास बैठकर कभी कहानी सुनाते थे तो कभी कविताएं सुनाते थे। लता मंगेशकर ने इस बारे में कहा था, “उन मुश्किल दिनों में मैं मजरूह साहब का वह साथ नहीं भूल पाऊंगी। मैं जो खाती थी, वही वह भी खाते थे। हम साथ में बातें करते थे और खूब हंसते भी थे।”
