बॉलीवुड एक्ट्रेस लारा दत्ता मिस यूनिवर्स रह चुकी हैं। साल 2000 में लारा दत्ता ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था और फिर बॉलीवुड में डेब्यू किया। एक्ट्रेस अपने खुले विचारों के लिए जानी जाती हैं। एक बार जब उनसे पीएम मोदी को लेकर सवाल किया गया था तब उन्होंने प्रधानमंत्री का सपोर्ट किया था। लारा का ये बयान खूब चर्चा में आया था। चलिए जानते हैं क्या है पूरी बात और क्यों एक्ट्रेस का ये स्टेटमेंट इतनी चर्चा में रहा था।

लारा दत्ता ने किया पीएम मोदी का सपोर्ट

बॉलीवुड एक्ट्रेस लारा दत्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुस्लिमों के ज्यादा बच्चों वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें साहसी कहा था। लारा ने यह भी कहा था कि हर किसी को खुश रखना मुश्किल है, और प्रधानमंत्री भी इंसान हैं, जो आलोचनाओं का सामना करते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर प्रधानमंत्री अपने विश्वासों के साथ खड़े रहते हैं, तो यह काबिले तारीफ है।

‘मूत्र पीना चाहिए’, परेश रावल के बाद ‘आशिकी’ एक्ट्रेस ने भी यूरिन को बताया फायदेमंद, बोलीं- एंटी एजिंग में भी मदद करता है

पीएम मोदी भी इंसान हैं- लारा दत्ता

जूम को इंटरव्यू देते हुए लारा ने कहा था, “आखिर पीएम मोदी भी एक इंसान हैं। सबको खुश रखना मुश्किल है। ना तो हम ट्रोलिंग से बच पाते और ना ही पीएम मोदी। लेकिन सब अपने हिसाब से डील करते हैं। कोई नाराज ना हो जाए, इस डर से इतना सोच समझकर काम नहीं किया जा सकता। हम सभी इसे अपनी प्रोग्रेस में लेते हैं। आप सिर्फ इसलिए अंडे के छिलकों पर कदम नहीं रख सकते क्योंकि आप एक पक्ष या दूसरे पक्ष को परेशान नहीं करना चाहते। कहीं न कहीं, आपको अपनी सच्चाई के प्रति सच्चा होना होगा, आप जिस पर विश्वास करते हैं। अगर उनमें ऐसा करने का साहस है, तो ये काबिले तारीफ है। आखिरकार आपका जो मानना है उसके साथ खड़े रहना चाहिए।”

‘थैंक्यू मेरी जान बचाने के लिए’, ‘दीया और बाती हम’ फेम एक्ट्रेस अस्पताल में भर्ती, वीडियो शेयर कर दिया हेल्थ अपडेट | TV Adda

पीएम मोदी ने क्या कहा था?

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान की एक रैली में कहा था कि कांग्रेस पार्टी की योजना है कि वह देश की संपत्ति उन लोगों में वितरित करेगी, जिनके ज्यादा बच्चे हैं, और घुसपैठियों को भी यह संपत्ति दी जाएगी। उन्होंने रैली में ये भी कहा था कि कांग्रेस का मानना है कि देश की संपत्ति का पहला अधिकार मुसलमानों का है। उन्होंने ये भी कहा था कि देश की मां बहनों के गहनों की कीमत निकालेगी और उसे भी बांट देगी।

बयान पर विवाद हुआ तो, प्रधानमंत्री ने एक इंटरव्यू में साफ किया था कि उन्होंने हिंदू या मुस्लिम का जिक्र नहीं किया था और न ही उनका इरादा किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाने का था। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ इतना था कि लोग जितने बच्चों की देखभाल कर सकते हैं, उतने ही बच्चों को जन्म दें।