भारतीय राजनीति लालू प्रसाद यादव के बिना रंगहीन सी प्रतीत होती है। उनके बोलने का अंदाज, हंसी मजाक में ही बड़ी बात कह जाना, ठेठ देसी व्यक्तित्व किसी को भी अपना कायल बना लेने के लिए काफी है। छात्र जीवन से ही लालू राजनीति से जुड़ गए थे। साल 1970 में लालू प्रसाद ने पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव के रूप में राजनीतिक शुरुआत की। 1974 में जब जयप्रकाश नारायण ने ‘छात्र आंदोलन’ का आह्वान किया तब लालू भी उसमें कूद पड़े। इस दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा और यही वो वक्त था जब उनके अंदर एक प्रखर राजनेता का नींव पड़ी।
इधर राबड़ी देवी से हुई शादी, उधर लगाने पड़े जेल के चक्कर- लालू प्रसाद यादव की राबड़ी देवी से शादी 1 जून 1973 को हुई। ये वो दौरा था जब देशभर में खासकर बिहार में युवा केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ आक्रोश से भरा था। लालू प्रसाद यादव भी उस सिस्टम का शिकार थे और उन्होंने भी जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बढ़- चढ़कर हिस्सा लिया। जेपी आंदोलन को दौरान लालू को कई बार जेल जाना पड़ा। वो अपनी नई शादी को बिल्कुल भी समय नहीं दे पाए लेकिन राबड़ी देवी ने इस बारे में उनसे शिकायत नहीं की बल्कि हमेशा साथ ही दिया।
जेल से दूधिया के हाथों राबड़ी देवी को चुटकुले भेजते थे लालू- लालू यादव जिन दिनों जेल में बंद थे अपनी पत्नी को जेल से ही चुटकुले लिखकर भेजते थे। राबड़ी देवी भी लालू से मिलने अक्सर जेल पहुंच जाती थीं। ज़ी टीवी के पुराने शो, ‘जीना इसी का नाम है’ में राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव ने अपने दाम्पत्य जीवन के शुरुआती दिनों के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताई थी।
राबड़ी देवी ने बताया था, ‘शुरू- शुरू में जब ये जेल गए तो छोटा- छोटा चुटकुला लिखकर भेजते थे। जो आदमी हमारे गाय का दूध पहुंचाने (दूधिया) जाता था, उसी के हाथ से ये चुटकुले भेजते थे।’ उनकी इस बात पर लालू यादव ने कहा था, ‘बात सिर्फ ये नहीं है, राबड़ी देवी खुद जेल पहुंच जाती थीं।’
लालू यादव और राबड़ी देवी के बीच हमेशा एक सामंजस्य का भाव बना रहा। जब लालू जेल में थे और फिर जब जनता पार्टी से जुड़कर सक्रिय राजनीति में आए तब राबड़ी ने अकेले ही परिवार की जिम्मेदारियां संभाली। 1977 में महज 29 साल की उम्र में ही लालू यादव सांसद चुने गए थे।
बाद में वो बिहार के मुख्यमंत्री भी बने। 1997 ने में जब चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव का नाम आया और सीबीआई ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
इस मुश्किल वक्त में राबड़ी देवी आगे आईं और उन्होंने बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री की शपथ ली। लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले समेत कई अन्य मामलों में 14 वर्ष की सजा हुई है। हाल के दिनों में उनका स्वास्थ्य बेहद खराब हो गया था जिसके बाद उनका ईलाज दिल्ली के AIIMS में चल रहा है।