कोरोना संकट और लॉकडाउन में बंद पड़े थिएटर के कारण सिनेमा प्रेमी इन दिनों ओटीटी प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहे हैं। मनोरंजन के विविध रूपों से भरे तमाम ओटीटी प्लेटफॉर्म पर यूपी-बिहार की पृष्ठभूमिक पर कई फिल्में और वेबसीरीज मौजूद हैं। इस बीच गीतकार कुमार विश्वास ने ऐसी ही फिल्मों और वेबसीरीज के बहाने इनमें प्रयोग होने वाली भाषा का सवाल उठाया और मुंबई के फिल्मकारों पर निशाना साधा। कुमार विश्वास ने कहा कि इन फिल्मों में एक ही परिवार में बेटा भोजपुरी में सवाल करता है तो पिता अवधी में जवाब देता है।
कुमार विश्वास ने इसको लेकर एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘यूपी-बिहार की पृष्ठभूमि पर फ़िल्में-वेब सीरीज़ बनाने वाले मुंबईया लेखकों को यह क्यों लगता है कि भोजपुरी-अवधी-बृज-बुंदेली-मगही-अंगिका-वज्जिका सब एक ही हैं! कुमार विश्वास ने आगे लिखा, ‘एक ही घर के पाँच सदस्यों में से बेटा भोजपुरी में सवाल करता है तो बाप अवधी में जवाब देता है! हमारी भाषाओं पर रहम करो भाई।’
बता दें, कुमार विश्वास के फिल्मों और वेबसीरीज में भाषा के सवाल को उठाने पर बॉलीवुड के गीतकार नीलेश मिसरा ने भी अपना समर्थन दिया और कहा बिल्कुल सही। नीलेश मिसरा ने कुमार विश्वास के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा, ‘शुक्र है किसी ने आख़िरकार ये कहा!! बिलकुल सही!’ यही नहीं शूटर दादी के नाम से मशहूर दादी चंद्रो तोमर ने भी कुमार विश्वास की बात पर समर्थन जताया और लिखा, ‘100 आन्ने की एक कहदी । क़तई नास ठा रख्या म्हारी बोलियों का।’
वहीं यूजर्स भी कुमार विश्वास के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, इस समय फिल्म इंडस्ट्री ने पूरी गंदगी फैला कर रख दी है। हरियाणवी तो इस बार सुना है पाताल लोक में सही बोली, वरना हरियाणवी का सबसे ज़्यादा सत्यानाश करते थे। अरे ताऊ बोलने को हरियाणवी बोलना समझते थे।
शुक्र है किसी ने आख़िरकार ये कहा!!! बिलकुल सही! https://t.co/DxadZYpA0I
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) May 29, 2020
एक यूजर ने लिखा, ‘कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा,भानुमति ने कुनबा जोड़ा। भद्दी गालियाँ, छोटे कपड़े, धर्म का मजाक, उसमे sex और साम्प्रदायिकता का मसाला डालो। और यूपी बिहार की पृष्ठभूमि पर सफल वेब सिरीज़ बनालो। यही फार्मूला है आजकल। भाषा की किसको पड़ी है? कभी अच्छा साहित्य और क्षेत्रिय भाषाएं पढ़ी हो तो जानें।’