मशहूर कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishvas) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। कुमार विश्वास बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं और आए दिन कोई न कोई वीडियो या पोस्ट शेयर करके सुर्खियों में बने रहते हैं। पूरे भारत में फिलहाल 21 दिनों के लिए लॉकडाउन है कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लोगों से लॉकडाउन के दौरान कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बनी फिल्म शिकारा (shikara) देखने की अपील की है।
कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा, ‘खुद ही की भलाई के लिए घरों में क़ैद जो लोग दर्द-कष्ट की दुहाई दे रहें हों वे कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर विधु विनोद चोपड़ा की Amazon Prime Video (अमेज़न प्राइम वीडियो) पर शिकारा फ़िल्म देखें। लानत है हमपर कि हमनें ऐसे नमकहराम मालिकों के हाथों अपनी जन्नत को दोज़ख़ में तब्दील करवाया। कोई तो तर्पण करें उन सपनों का।’ कुमार विश्वास का ये ट्वीट कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और यूजर्स जमकर इसपे कमेंट कर रहे हैं।
खुद ही की भलाई के लिए घरों में क़ैद जो लोग दर्द-कष्ट की दुहाई दे रहें हों वे कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर @VVCFilms की @PrimeVideo पर शिकारा फ़िल्म देखें
लानत है हमपर कि हमनें ऐसे नमकहराम मालिकों के हाथों अपनी जन्नत को दोज़ख़ में तब्दील करवाया
कोईतो तर्पण करें उन सपनों का— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) April 4, 2020
बता दें कि डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा की कश्मीरी पंडितों पर आधारित फिल्म शिकारा 7 फरवरी 2020 सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म की कहानी शिव कुमार धर और उसकी पत्नी शांति धर के इर्द गिर्द घूमती है, जो पंडित हैं और कश्मीर में शांत और खुशहाल जिंदगी बिता रहे होते हैं। लेकिन उस वक्त घाटी में धीरे-धीरे सांप्रदायिक तनाव अपने पैर पसार रहा होता है। शिव और शांति को अपनी जिंदगी, अपनी जीवनभर की कमाई से बनाया घर और सुख को छोड़कर अपनी जान के लिए भागकर ऐसी जगह जाना पड़ता है जो उनकी नही थी।
मालूम हो कि इससे पहले कुमार विश्वास का एक ट्वीट काफी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने इंदौर के टाट पट्टी बाखल इलाके की घटना जहां स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव किया गया था का विरोध किया था। कुमार ने ट्वीट कर लिखा था कि, ‘जान बचाने निकले देवदूतों पर जहालत का आक्रमण। जी दोहरा रहा हूँ, बस एक ही रास्ता बचा है। ‘Test-Test-Test’ और ‘Emergency-Emergency-Emergency’ ऐसा न हो कि देर हो जाए और कोई रास्ता ही न बचे।’