करण जौहर को लेकर अक्सर कहा जाता है कि वो स्टार किड्स को लॉन्च करते हैं और बाहरी लोगों को नजरअंदाज करते हैं। उनके लिए कहा जाता है कि वो बॉलीवुड में नेपोटिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि निर्देशक-निर्माता ने हाल ही में इंडस्ट्री में ग्रुप बनाने के आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि इंडस्ट्री में दोस्ती में भी बिजनेस होता है।

फिल्म ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा के साथ अपने यूट्यूब चैनल गेम चेंजर्स पर एक इंटरव्यू में, करण ने बताया कि एक्टर्स निर्माताओं के साथ घाटा शेयर करने को तैयार नहीं होते और सिर्फ अपनी फीस वसूलने पर ही ध्यान देते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि दोस्ती सिर्फ पार्टियों तक ही सीमित होती है।

करण ने कहा, “कोई भी एक्टर ये नहीं कहता, ‘मेरी पिछली दो फिल्में नहीं चलीं, इसलिए मैं आपके पैसे लौटा रहा हूं।’ किसी को भी पैसे लौटाने में कोई दिलचस्पी नहीं होती, वे सिर्फ आपसे लेते हैं। दोस्ती से मुझे अपने (पेशेवर) जीवन में कभी कोई फायदा नहीं हुआ। एक्टर्स पार्टियों में अच्छे और प्यारे लोग होते हैं, लेकिन वो सब काम के लिए होते हैं। मैं भी इंडस्ट्री में बिजनेस के लिए हूं, चैरिटी के लिए नहीं।”

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शाहरुख खान की तारीफ के बांधे पुल

करण जौहर ने आगे कहा कि जिन सितारों को उन्होंने लॉन्च किया, उनके साथ भी उनके रिश्ते कमोबेश एक जैसे ही हैं, बस शाहरुख खान के साथ उनका रिश्ता अलग है। “चाहे वो कोई एक्टर हो जिसे मैंने लॉन्च किया हो या कोई दोस्त जिसके साथ मेरा गहरा रिश्ता है। शाहरुख खान को छोड़कर… मैं उन्हें एक दोस्त, एक इंसान, एक सहयोगी और एक भाई के तौर पर बहुत मानता हूं… वो इकलौते इंसान हैं जिन्होंने मुझसे या मेरे पिता (निर्माता यश जौहर) से पैसों को लेकर कभी बात नहीं की। वो कहते थे, ‘जो भी चाहिए, कागज भेज दो, मैं साइन कर दूंगा।’ जब मैं एक निर्देशक के तौर पर उनसे बात करता, तो वो स्क्रिप्ट भी नहीं सुनते। मुझे बस उनके पास जाकर कहना होता है, ‘मैं एक फिल्म डायरेक्ट कर रहा हूं और मुझे ये डेट्स चाहिए।’ हमारे बीच पैसा कभी चर्चा का विषय नहीं रहा। उनके अलावा, हर दूसरे एक्टर के साथ मेरा रिश्ता पूरी तरह से पेशेवर रहा है, और मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है।”
 
करण जौहर ने पिछले साल 1000 करोड़ रुपये का सौदा किया था, जिसके तहत उन्होंने अपनी कंपनी सेरेन प्रोडक्शंस के माध्यम से अदार पूनावाला को धर्मा प्रोडक्शंस की 50% हिस्सेदारी बेची थी। बाकी 50% हिस्सेदारी अभी भी करण के पास है। अब, इस इंटरव्यू में, करण ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी का आधा हिस्सा बेचने के बारे में खुलकर बात की।

करण ने कहा, “मेरे कई सपने थे जो फंडिंग की समस्या के कारण पूरे नहीं हो पाए। मैं इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट था कि मुझे अपनी कंपनी का 50% हिस्सा बेचने या इक्विटी बेचने में कोई दिक्कत नहीं है, सिर्फ इसलिए कि मैं इसे बढ़ाना करना चाहता हूं। मैं कंपनी में कई विरासतें छोड़ना चाहता हूं। मैं और अपूर्व भाइयों की तरह काम करते हैं, हमने तय किया था कि हम ये काम करेंगे, लेकिन हमें सही पार्टनर की जरूरत थी।”

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सेरुन इंस्टीट्यूट के मालिक के साथ डील कैसे हुई, इस बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया, “ऐसा हुआ कि अदार और उनकी पत्नी नताशा मेरे बहुत करीबी दोस्त और बहुत प्यारे हैं। उन्होंने एक दिन फोन उठाया और कहा कि मुझे इसमें दिलचस्पी है, लेकिन मैंने उनसे कहा कि ये आपका काम नहीं है। उन्होंने कहा कि वे भी बिजनेस बढ़ाना चाहते हैं।”

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फिल्म निर्माता ने धर्मा प्रोडक्शंस के व्यावसायिक पहलुओं को संभालने के लिए अपने पार्टनर अपूर्व की सराहना की। उन्होंने कहा, “अपूर्व सबसे सही इंसान हैं। हमारे खाते एक-एक पैसे तक सही हैं। वो इसे एक अच्छी तरह से चलने वाली मशीन की तरह चलाते हैं। मुझे नहीं पता कि उनके बिना मैं कहां होता। वो सचमुच मेरे पिता का काम कर रहे हैं, एक भाई की तरह, कंपनी को परिवार की तरह संभाल रहे हैं। उनके बगैर मैं बिखर जाता। मैं एक रचनात्मक व्यक्ति हूं। मुझे व्यवसाय और आंकड़ों की कोई समझ नहीं है। उन्होंने वास्तव में इसे संभाला है, वो कंपनी की रीढ़ हैं।”