कोविड महामारी से दिन प्रतिदिन बदतर होते हालात के बीच देश के लोग नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं। इसे लेकर ट्विटर पर कई ट्रेंड्स भी चल रहे हैं जिसपर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने लोगों को खरीखोटी सुनाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पिता के समान हैं, उनकी नीयत पर संदेह करना बेवकूफी है। उनकी यह बात कई लोगों की तरह रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह को रास नहीं आई और उन्होंने पलटकर कंगना को जवाब दे दिया। इसके बाद दोनों के बीच ट्विटर वॉर छिड़ गया।
दरअसल कंगना रनौत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा में ट्वीट किया था, ‘जब आपके पास विश्व का सबसे अच्छा प्रधानमंत्री हो तब खुद प्रधानमंत्री बनने की कोशिश मत कीजिए। बल्कि उन्हें समर्थन दीजिए यही हमारा धर्म और कर्म है।’ इसके साथ कंगना ने भारत का वीर पुत्र मोदी का हैशटैग भी इस्तेमाल किया था।
उनके इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा, ‘कंगना जी, आप प्रधानमंत्री की समर्थक हैं या उनकी धुर विरोधी? क्योंकि इस वक्त ऐसा ट्रेंड दुश्मन ही करवा सकता है, छवि और बिगाड़ने के लिए। जब चारों तरफ लाशें ही लाशें हैं तब आपका ट्रेंड किसी की मैयत पर पटाखे फोड़ने जैसा कृत्य है। आयोडीन युक्त नमक का सेवन करो बेटा।’
प्रधानमंत्री ही देश है??
कंगना जी, जो कोई भी आपके लिए ट्वीट लिख रहा है उसने 8वीं कक्षा तक भी ‘नागरिकशास्त्र’ की किताब नहीं पढ़ी है।
लोकतंत्र शासन का वह प्रकार है, जिसमें प्रभुत्व शक्ति समष्टि रूप में जनता के हाथ में रहती है, जनता अन्तिम नियंत्रण रखती है।
कृपया और पढ़ाई करें। https://t.co/YcEqbWa6po
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) April 24, 2021
कंगना ने उनके इस जवाब पर उन्हें टैग करते हुए फिर एक ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री हीं देश हैं, ये विचार रखना कि वो हमसे अलग हैं तो फिर लोकतंत्र का ढोंग ही क्यों करना। मत देकर एक प्रतिनिधि चुनने का इतना भारी आर्थिक लागत का काम ही क्यों करना। प्रधानमंत्री देश के लिए पिता समान हैं, उनकी नियत पर संदेह या उनके हार जाने की कामना करना बेवकूफी है।’
उनके इस ट्वीट के जवाब में सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री ही देश हैं? कंगना जी, जो कोई भी आपके लिए ट्वीट लिख रहा है उसने 8वीं तक भी नागरिकशास्त्र की किताब नहीं पढ़ी है। कृपया और पढ़ाई करें।’
कंगना रनौत इसके बाद भी नहीं रुकीं बल्कि जवाब में उन्होंने लिखा, ‘और जनता का निर्णय है नरेंद्र दामोदर मोदी, तभी तो वो प्रधानमंत्री हैं। ऐसी पढ़ाई का क्या मतलब जो जाने सब कुछ और समझे कुछ भी नहीं। अगले चुनावों में आप प्रधानमंत्री बनने की कोशिश करना तब तक जो हैं उनको अपना काम करने दो।’