कंगना रनौत (Kangana Ranaut) बॉलीवुड की उन अभिनेत्रियों में से एक हैं, जो अपनी बातों और विचारों को बेबाकी से रखती हैं। पिछले कुछ समय से फिल्मों के साथ-साथ एक्ट्रेस को पॉलिटिकली भी काफी एक्टिव देखा जा रहा है। वो अक्सर बीजेपी के सपोर्ट में अपनी बातों को बेबाकी से कहती हैं। वहीं, बीते दिन ही एक्ट्रेस ने लोकसभा चुनाव लड़ने का हिंट दिया। उन्होंने कहा कि अगर श्रीकृष्ण की इच्छा हुई तो जरूर लड़ेंगी। इसके बाद उनके राजनीति में एंट्री की चर्चा ने जोर पकड़ लिया। उनके राजनीति में जाने की वजह फ्लॉप फिल्में और चौपट करियर हो सकता है। अगर ‘मणिकर्णिका’ को हटा दिया जाए तो वो साल 2015 में ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ के बाद अब तक एक हिट के लिए तरस गई हैं। हालांकि, मणिकर्णिका भी एवरेज ही साबित हो पाई थी। ऐसे में चलिए उनकी प्रोफेशनल लाइफ पर नजर डालते हैं, जो उन्हें आज इस मोड़ पर ले आया…
नेपोटिज्म पर कंगना का दिखा बेबाक अंदाज
सुशांत सिंह राजपूत का निधन 2020 हो गया था। उन्होंने मुंबई में स्थित फ्लैट में सुसाइड कर लिया था। इसके बाद नेपोटिज्म के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया। उस मामले के तूल पकड़ते ही कंगना की जुबान भी तल्ख होती चली गई और विवादों के साथ उनका एक नया दौर शुरू हो गया। वैसे कंगना रनौत का उस समय जो बेबाक अंदाज दिखा, वो असल में शुरुआत से ही ऐसा रहा था। मगर कह सकते हैं कि सुशांत सिंह केस के बाद वो मुखर हो गईं। आए दिन उनके और करण जौहर के बीच विवाद होते रहे। उन्होंने करण को घेरने का एक मौका हाथ से जाने नहीं दिया।
इतना ही नहीं एक्ट्रेस ने नेपोटिज्म के साथ-साथ बॉलीवुड इंडस्ट्री को जिहाद का गटर तक बता दिया। बॉलीवुड में ड्रग्स, शोषण और नेपोटिज्म पर जब भी चर्चा हुई, एक बहस का केंद्र हर बार कंगना रनौत के इर्द-गिर्द ही घूमता दिखा।
BMC संग कंगना का विवाद और बयानों ने मचाई खलबली
कंगना रनौत अपनी बेबाकी के लिए भी जानी जाती हैं। बीएमसी के साथ उनका विवाद जगजाहिर है। एक्ट्रेस महाराष्ट्र सरकार पर टिप्पणी करने के बाद निशाने पर आ गई थीं। बीएमसी ने पाली हिल्स इलाके में स्थित एक्ट्रेस के ऑफिस पर बुल्डोजर चला दिया था और उनके प्रोडक्शन हाउस का एक हिस्सा गिरा दिया। इस दौरान कंगना ने अपने दफ्तर की तुलना राम मंदिर से की थी और बीएमसी को बाबर बता दिया था। उन्होंने कहा था कि ये इमारत उनके लिए राम मंदिर की तरह है। याद रखना बाबर ये मंदिर फिर बनेगा। बड़ी बात ये रही कि जो विवाद पहले सिर्फ एक बिल्डिंग तक सीमित दिखाई दिया, कुछ ही दिनों के अंदर में राजनीति का एक बड़ा सियासी मुद्दा बन गया। किसने सोचा था कि कंगना रनौत सीधे-सीधे उस समय के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सीधा मुकाबला करेंगी। लेकिन ऐसा हुआ और कंगना एक अलग ही सियासी दलदल में फंसती चली गईं।
आलम ये रहा कि जब उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा, तब कंगना ने यहां तक कह दिया कि आज मेरा घर टूटा है, कल तुम्हारा घमंड टूटेगा। उनकी तरफ से लगाता निजी हमले किए गए और देखते ही देखते बॉलीवुड क्वीन कॉन्ट्रोवर्सी क्वीन बन गईं।
बुजुर्ग महिला को शाहीन बाग की बिलकिस बानो बताया
किसान आंदोलन के दौरान भी कंगना रनौत को सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव देखा गया था। उन्होंने इस पर बेबाकी से राय रखी थी। इस दौरान एक्ट्रेस ने एक बुजुर्ग महिला को शाहीन बाग की बिलकिस बताने वाले ट्वीट को रिट्वीट किया था और ये उन पर भारी पड़ा था। साथ ही इसे लेकर उनकी खूब आलोचना हुई थी और एक्ट्रेस के खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया था।
गांधी जी पर कंगना के विवादित बोल
वहीं, कंगना का एक और बयान काफी चर्चा में रहा था, जो उन्होंने गांधी जी को लेकर दिया था। उन्होंने बापू को सत्ता का भूखा और चालाक बताया था। इसमें एक्ट्रेस ने लिखा था, ‘स्वतंत्रता के लिए लड़ने वालों को उन लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया, जिनमें अपने ऊपर अत्याचार करने वालों से लड़ने की ना तो हिम्मत थी और ना ही खून में उबाल। ये सत्ता के भूखे और चालाक लोग थे।’ कंगना ने अपने ट्वीट में आगे गांधी जी की ओर इशारा किया था और लिखा था, ‘ये वही लोग थे जिन्होंने हमें सिखाया अगर कोई तुम्हें एक गाल पर थप्पड़ मारे तो उसके आगे दूसरा गाल भी कर दो।’ एक्ट्रेस ने ये भी लिखा था कि इस तरह आजादी नहीं भीख मिलती है। उस समय कंगना का ये बयान सियासी भूचाल लाने के लिए काफी रहा। वे राजनीति में तो सक्रिय नहीं दिखी, लेकिन ऐसे बयानों की वजह से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय हर बार बनती रही।
‘2014 में आजादी’ वाले बयान पर बवाल
इसी कड़ी में कंगना रनौत का एक और बयान काफी चर्चा में रहा था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि असली में आजादी 2014 के बाद मिली, जब नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई। उनके मुताबिक, 1947 में स्वतंत्रता नहीं भीख मिली थी। इस पर जमकर बवाल हुआ था और लोगों ने उन्हें खूब ट्रोल किया था।
इसके अलावा कंगना रनौत एक बार फिर से तब चर्चा में आईं जब उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को ताड़का बताया था। इस पर भी खूब बवाल हुआ था और इसके बाद वो ट्रोल्स के निशाने पर आ गई थीं।
कर्णी सेना के साथ रहा विवाद
‘मणिकर्णिका’ की रिलीज से पहले कंगना रनौत और कर्णी सेना के बीच काफी विवाद रहा था। कर्णी सेना की ओर से एक्ट्रेस को धमकी भी मिली थी। इस पर उन्होंने जवाब दिया था कि वो एक राजपूत हैं और अगर उन्हें किसी ने परेशान किया तो वो एक-एक को बर्बाद कर देंगी। इसके बाद एक्ट्रेस के तेवर देखने के बाद कर्णी सेना पीछे हट गई थी। इनका ये विवाद भी काफी चर्चा में रहा।
पॉलिटिक्स में ज्यादा दिलचस्पी
कंगना रनौत को पिछले काफी समय से पॉलिटिकली काफी एक्टिव देखा गया है। वो लगातार बीजेपी सरकार के पक्ष में अपने विचार रखती आई हैं। फिर चाहे उनका 2014 में आजादी वाला बयान रहा हो या फिर किसान आंदोलन रहा। अब उनके द्वारा दिए गए बयान कहीं ना कहीं राजनीति से कनेक्ट होते हैं, जो ये बताते हैं कि उनकी पिछले काफी समय से पॉलिटिक्स में काफी दिलचस्पी रही है। एक्ट्रेस ने अक्सर अपने विचार सरकार के पक्ष में रखे। उन्हें लेकर पिछले काफी समय से चुनाव लड़ने की चर्चा रही है।
फ्लॉप फिल्में ने करियर किया चौपट?
पिछले कुछ समय से कंगना रनौत की प्रोफेशनल लाइफ कुछ ठीक नहीं चल रही है। अगर उनकी फिल्मों पर नजर डाला जाए तो वो साल 2015 में ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ के बाद अब तक वो एक हिट के लिए तरस गई हैं। हाल ही में उनकी फिल्म ‘तेजस’ रिलीज की गई थी, जिससे काफी उम्मीदे थीं लेकिन, ये बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुई। करीब 50 करोड़ के बजट में बनी फिल्म केवल 5.60 करोड़ का कलेक्शन कर पाई।
आपको बता दें कि कंगना ने आखिरी हिट साल 2015 में ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ दी थी। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘मणिकर्णिका’ में काम किया, जो 2019 में आई और ये एवरेज रही। इसके बाद उन्होंने ‘जजमेंटल है क्या’ (33.11 करोड़), ‘पंगा’ (28.9 करोड़), ‘थलाइवी’ (4.75 करोड़), ‘धाकड़’ (2.58 करोड़) और ‘चंद्रमुखी-2’ (51.7 करोड़) में काम किया, जो कि बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुईं। वहीं, इस साल 2023 में आई फिल्म ‘तेजस’ ने रिलीज के 8 दिन में 10 करोड़ का कलेक्शन भी नहीं कर पाई। इसने अबतक 5.60 करोड़ का बिजनेस किया है।
दो नाव में पैर रखना कंगना को ना पड़ जाए भारी!
ऐसे में अब अगर कंगना रनौत की प्रोफेशनल लाइफ और विवादों को देखा जाए तो कहीं उनके लिए राजनीति में आना और भी बुरा ना साबित हो जाए। क्योंकि, अभी उनका करियर डगमगा रहा है और ऐसे में राजनीति में जाने नहीं बल्कि पहले इसे संभालने का समय है। अगर वो इस बीच राजनीति में उतरती हैं तो ये सवाल तो उठेगा ही क्या बॉलीवुड क्वीन एक साथ दोनों फिल्में और सियासत को संभाल सकती हैं या नहीं? बॉलीवुड कलाकारों की वैसे भी पॉलिटिक्स पारियां कुछ ज्यादा सफल नहीं रही हैं, उसे देखते हुए कंगना की ये आगे की रणनीति कितनी रंग लाती है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।