बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस कंगना रनौत अपने एक बयान को लेकर काफी चर्चा में आ गई हैं। दरअसल, उन्होंने टाइम्स नाउ के एक कार्यक्रम में कहा था कि जो आजादी हमें मिली, वह तो भीख थी। असली आजादी हमें साल 2014 में मिली है। एक्ट्रेस के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने उनसे पद्मश्री वापस तक लेने की मां की। मामले को लेकर आज तक के ‘हल्ला बोल’ में भी चर्चा हुई, जहां भाजपा प्रवक्ता ने कंगना रनौत के बयान से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनके बयान से हम सहमत नहीं हैं।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया से न्यूज एंकर ने सवाल किया, “क्या आप भी मानते हैं कि भारत को असल मायनों में आजादी 2014 में मिली?” उनकी बात का जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “कंगना रनौत का जो बयान है, जिसपर आज चर्चा हो रही है, उससे हम सहमत नहीं हैं। क्यों सहमत नहीं हैं इसकी मैं वजह भी बताता हूं।”
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना रनौत के बयान पर आगे कहा, “लाखों-लाखों लोगों ने बलिदान दिया देश को आजादी दिलाने के लिए। भारतीय जनता पार्टी आज देश की वो पार्टी है कि अगर कहीं राष्ट्रवाद की बात होती है तो सबसे पहले भाजपा की ही बात होती है। व्यक्ति कोई भी हो, अगर उससे हम सहमत नहीं हैं तो जरूरी नहीं कि हर बात का समर्थन हम करें, या उसका विरोध करते रहें।”
गौरव भाटिया ने कंगना रनौत की बात पर आगे कहा, “यह कंगना रनौत का निजी बयान है, उनसे सवाल पूछे जाने चाहिए। भाजपा के लिए यह जरूरी नहीं कि कोई भी व्यक्ति बयान दे तो हम भी उसपर पलटकर बयान दें।” उनकी बात पर न्यूज एंकर ने सवाल किया, “चर्चा इसलिए भी हो रही है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी की मांग है कि पद्मश्री वापस लेना चाहिए, तो क्या वापस ले लेना चाहिए?”
न्यूज एंकर की बात का जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, “हमेशा कांग्रेस कहती आई है अभिव्यक्ति की आजादी। याद कीजिए ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं।’ ये नारे लगाने वालों के साथ राहुल गांधी खड़े थे। सेना पर पत्थर मारने वालों के साथ कांग्रेस खड़ी होती है। वापस होना चाहिए या नहीं?
गौरव भाटिया ने आगे कहा, “84 के नरसंहार को सही कहते हुए उन्होंने कहा था कि बड़ा पेड़ हिलता है तो धरती हिलती है। उसके बाद उन्हें भारत रत्न दिया गया।” आजादी के बाद का सबसे काला अध्याय आपातकाल है। इंदिरा गांधी को भारत रत्न मिल गया, लेकिन उन्होंने तो संविधान की धज्जियां उधेड़ दी थीं।”