नुपूर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान के बाद देश के कई राज्यों में हिंसा हुई। अब हिंसा के आरोपियों पर कार्रवाई को लेकर विवाद छिड़ गया है। उत्तर प्रदेश में आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, इसे कुछ लोग जायज ठहरा रहे हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। अब अभिनेता कमाल आर खान ने कहा है कि किसी को ये हक नहीं है कि वो किसी का घर तोड़ दे, चाहे प्रधानमंत्री हों, मुख्यमंत्री हों या गृहमंत्री…।

KRK ने ट्विटर पर लिखा कि “PM, CM, HM किसी को भी यह तय करने का अधिकार नहीं है कि कौन दोषी है, कौन नहीं। इसका फैसला सिर्फ कोर्ट ही कर सकता है। मतलब सरकार के किसी भी विभाग को, बिना कोर्ट के आदेश के किसी के घर को गिराने का अधिकार नहीं है और अगर कोई बिना कोर्ट के आदेश के किसी का घर गिरा रहा है तो वह आतंकवाद है।’

लोगों की प्रतिक्रियाएं: हितेश गोयल ने लिखा कि ‘पत्थर मारना क्या आतंकवाद नहीं है।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘नमाजियों ने जुमे पर पत्थरबाजी भी कोर्ट के ऑर्डर पर ही की होगी ना? यदि नहीं, तो उनको भी दंगे फैलाने का कोई अधिकार नहीं है। फिर भी शहरों का अमन खराब किया, तो वो आतंकवाद नहीं था क्या?

संदीप नाम के यूजर ने लिखा कि ‘पत्थर फेंकने का हक संविधान में कहां लिखा है? आप विरोध शांतिपूर्ण तरीके से भी कर सकते हैं।’ प्रशांत नाम के यूजर ने लिखा कि ‘वो लोग सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और मासूम लोगों को उनकी वजह से जो परेशानी का सामना करना पड़ रहा है उसका क्या? प्रदर्शन करना है तो शांति से करो!’

जाकिर अली त्यागी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘एक लाइन में सबकुछ बयां कर दिया कि “अगर कोई बिना कोर्ट के आदेश के किसी का घर गिरा रहा है तो वह आतंकवाद है।” विश्वराज नाम के यूजर ने लिखा कि ‘नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयान के बाद आपको किसने अधिकार दे दिया कि पत्थरबाजी करो, तोड़फोड़ करो, दंगे करो, फसाद करो। वहां पर भी तो कोर्ट डिसाइड करता है कि उसको सजा होगी कि नहीं होगी।’

क्या है पूरा मामला: बता दें कि नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बीते दिनों कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुआ। पत्थरबाजी और आगजनी के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस प्रयागराज समेत कई जिलों में आरोपियों पर कार्रवाई कर रही है। बुलडोजर से आरोपियों के अवैध घरों को गिराया जा रहा है। इसी को लेकर विवाद छिड़ गया है।