मशहूर ज्वेलरी डिजाइनर फराह खान ने भारत के मुस्लिमों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है। उन्होंने ट्विटर पर नरेंद्र मोदी को टैग करते पूछा है कि क्या बीजेपी और प्रधानमंत्री मुस्लिमों को भारत का हिस्सा मानते हैं। फराह खान के इस ट्वीट पर इंडियन फिल्ममेकर अशोक पंडित ने उन्हें अर्बन नक्सली करार दिया है।

फराह खान ने अपने ट्वीट में लिखा था,”प्रिय नरेंद्र मोदी, क्या आपने और बीजेपी ने वास्तव में मुसलमानों को भारत का हिस्सा माना है? अगर मानते तो आज सभी 30 लाख मुसलमान आपको अपने नेता के रूप में समर्थन दे रहे होते। उन्हें अलग-थलग करके आप न केवल उनकी निष्ठा खो रहे हैं, बल्कि आप हमारे देश को विभाजित कर रहे हैं। जब आप कहते हैं “सब का साथ, सब का विकास” तो आपका क्या मतलब होता है?”

आगे फराह ने लिखा,”मैं पूछ रही हूं क्योंकि 2014 में जब आप सत्ता में आए तो मैंने सोचा था कि आप बदलाव लाएंगे। जब आपने कहा था ‘सबका साथ सबका विकास’ मुझे लगा था आप सभी भारतीयों की बात कर रहे हैं। मैं जन्म से भारतीय हूं और मेरे पूर्वज भी। भारत उतनी ही मेरी मातृभूमि है, जितनी यहां पैदा हुए हर मुसलमान की है।”

फराह ने अगले कमेंट में लिखा,”मेरे पूर्वज “विभाजन के खिलाफ” थे और उन्होंने भारत में रहना चुना क्योंकि वे हमारे इस बहुसांस्कृतिक महान देश में विश्वास करते थे। मैं आपसे धर्मों के बीच इस नफरत को बंद करने के लिए विनती करती हूं क्योंकि अगल होकर हम गिरते हैं और संयुक्त रहकर हम खड़े होते हैं।”

फराह के इस ट्वीट पर अशोक पंडित ने लिखा,”आप मुसलमान की आड़ में #अर्बन नक्सल हैं। इसलिए मुसलमानों की ओर से मत बोलो। सिर्फ खान होने से आप सभी मुसलमानों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते। भारतीय उनका (प्रधानमंत्री का) समर्थन करते हैं।”

इन ट्वीट्स पर तमाम यूजर्स ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। अभिषेक आर्यन नाम के यूजर ने लिखा,”बिल्कुल सही कहा सर, ये भारतीय संस्कृति के बारे में नहीं जानतीं और नरेंद्र मोदी जी को भाषण दे ही हैं। ट्वीट कर देने से आप गरीब लोगों के हमदर्द नहीं बन जाते। पीने के बाद सबसे बेहतरीन प्रधानमंत्री के बारे में ट्वीट करना सही नहीं है।

आपको बता दें कि इस वक्त भारतीय जनता पार्टी की पूर्व नेता नुपुर शर्मा के बयान को लेकर मुस्लिम समुदाय भड़का हुआ है। नुपुर शर्मा को निलंबित किया जा चुका है और बीजेपी की ओर से सफाई भी दी गई है। बावजूद इसके नेत्री का विरोध कम नहीं हो रहा है। कई राज्यों में बीते जुम्मे को इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामें भी हुए।