आरती सक्सेना
सन 1975 में बनी ‘शोले’ और ‘दीवार’ टिकट खिड़की पर अपार सफलता पा रही थीं। इसी साल रिलीज हुई छोटे बजट की ‘जय संतोषी मां’ की सफलता ने मुंबई के फिल्म निर्माताओं के साथ-साथ फिल्म समीक्षकों को भी आश्चर्य में डाल दिया था। समय के साथ फिल्मों के विषय बदले मगर भारतीय दर्शकों में पौराणिक और धार्मिक फिल्मों के प्रति लगाव कम नहीं हुआ। दर्शक अगाध श्रद्धा से फिल्मों और धारावाहिकों के किरदारों को ऐसे देखते हैं मानो साक्षात भगवान उनके सामने हों। पौराणिक फिल्मों के भव्य सेट, हीरे मोती से जड़े मुकुट, खूबसूरत गहने और पोशाकें सभी के प्रति लोगों में आकर्षण रहा है। तादाद में चाहे कम हों मगर ‘महाभारत’ और ‘रामायण’ जैसे ग्रंथों और पौराणिक किरदारों पर खूब फिल्में बनीं। दर्शकों ने ‘राम राज्य’ पसंद की, तो ‘महाबली हनुमान’ को भी सिर आंखों पर लिया। ‘शिर्डी के साईबाबा’, ‘जय संतोषी मां’, ‘हर हर महादेव’ जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर उल्लेखनीय कारोबार किया।
पौराणिक फिल्मों का ‘आकर्षण’

टीवी पर रामानंद सागर के ‘रामायण’ (1987) और बीआर चोपड़ा के धारावाहिक ‘महाभारत’ (1988) की लोकप्रियता काआलम यह था कि लोग टीवी के सामने बैठ कर इसके प्रसारण का इंतजार करते थे। ‘रामायण’ में राम और सीता के किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया को लोग भगवान की तरह पूजने लगे थे। सालों बाद ‘बाहुबली’ (2015) और ‘बाहुबली 2’ (2017) को मिली कामयाबी के बाद इन दिनों फिर से पौराणिक और धार्मिक फिल्मों का दौर लौट रहा है। दर्शकों में इसके प्रति आकर्षण है, तो फिल्म निर्माता भी मोटी रकम खर्च करके धार्मिक-पौराणिक फिल्मों की योजनाएं बना रहे हैं। कुछ फिल्मों की योजनाएं बन रही हैं तो कुछ की शूटिंग भी चल रही है। मसलन, टी सीरीज की फिल्म ‘आदिपुरुष’ में ‘बाहुबली’ फेम प्रभास राम, सैफ अली खान रावण और कीर्ति सेनॉन सीता की भूमिका में दिखाई देंगी। यह फिल्म पांच भाषाओं में बन रही है।

इसी तरह पौराणिक पृष्ठभूमि पर अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को लेकर ‘ब्रम्हास्त्र’ भी पांच भाषाओं में बन रही है। 300 करोड़ की इस फिल्म का निर्देशन अयान मुखर्जी कर रहे हैं। फिल्म में अमिताभ बच्चन ब्रह्मा, नागार्जुन विष्णु और रणबीर कपूर शिवा के अलावा एक वैज्ञानिक के किरदार में शाहरुख खान भी नजर आएंगे। ‘उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक’ बनाने वाले निर्देशक आदित्य धर की अश्वस्थामा पर बन रही फिल्म में शीर्षक भूमिका विकी कौशल निभा रहे हैं। शकुन बत्रा की फिल्म में दीपिका पाडुकोन द्रौपदी का किरदार निभा रही हैं। हिंदी और तमिल में ‘रामायण’ पर तीन फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है। इस त्रयी के हिंदी संस्करण का निर्देशन नीतिश तिवारी और तमिल संस्करण का निर्देशन रवि उदयवार करेंगे। फिल्म 3डी फार्मेट में होगी। वरुण धवन और सारा अली खान को लेकर करण जौहर भी एक पौराणिक एक्शन फिल्म ‘रणभूमि’ बनाने जा रहे हैं।

आमिर खान का सपना
आमिर खान ने एक महत्वाकांक्षी वेब सीरीज की योजना पर दो सालों तक काम किया। इस सीरीज का बजट लगभग एक हजार करोड़ रुपए था। लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई। फिलहाल आमिर खान ने इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। आमिर ने जो सपना देखा उसके मुताबिक फिल्म में आमिर खान कृष्ण, दीपिका पाडुकोन द्रौपदी, अमिताभ बच्चन भीष्म, अर्जुन रामपाल युधिष्ठिर, ऋत्विक रोशन कर्ण, प्रभास भीम, फरहान अख्तर अर्जुन, रजनीकांत द्रोणाचार्य, रेखा कुंती, अभिषेक बच्चन दुशासन, कमल हासन शांतनु और अजय देवगन को दुर्योधन की भूमिका निभानी थी। आमिर खान जैसे निर्माता अगर महाभारत पर एक हजार करोड़ खर्च करने का सपना देखते हैं तो समझा जा सकता है कि धार्मिक पौराणिक फिल्मों की मांग बरकरार है और बॉलीवुड के निर्माता उस पर हाथ खोलकर खर्च करने के लिए तैयार हैं।

कंगना की ‘अपराजिता अयोध्या’
कंगना रनौत भी अयोध्या फैसले की पृष्ठभूमि पर ‘अपराजिता अयोध्या’ नामक एक फिल्म की योजना पर काम कर रही हैं। वह खुद इसका निर्माण निर्देशन करने के साथ इसमें काम भी करेंगी। ‘बाहुबली’ जैसी फिल्म के लेखक वी विजेंद्र प्रसाद इसका लेखन कर रहे हैं। यह फिल्म अगले साल रिलीज होगी।

कोरोना से बचाव की मुहिम में जुटीं करीना कपूर
कोरोना महामारी के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर को इससे संबंधित अलग-अलग मुद्दों जैसे कि डबल मास्क लगाने के फायदे, घर में रहने से लाभ और बच्चों को कोविड-19 से कैसे बचाएं, इन पर अपनी राय रखते हुए देखा जा रहा है। इसी क्रम में करीना कपूर ने अपने इंस्टाग्राम खाते से एक ऐसे अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिश की है, जिसमें उन महिलाओं की मदद की जा रही है, जिन्होंने कोविड-19 की वजह से अपने पति को खो दिया है। इस अभियान का नाम ‘कोविड विडोज हेल्प’ है। इसके माध्यम से कोरोना के कारण जान की बाजी हार गए कर्मियों की विधवाओं को उनकी जानकारी, उनके सामर्थ्य और उनके कौशल के आधार पर नौकरियां दिलाने में मदद की जा रही है। ऐसी महिलाओं की काउंसलिंग भी की जा रही है। साथ ही अन्य जरूरी मदद भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।