आरडी बर्मन इंडियन सिनेमा में क्रांति लाने वाले महान संगीतकार थे, जिन्होंने अपने तीन दशक के करियर में हिंदी फिल्मों के संगीत को बदल कर रख दिया था। आरडी बर्मन को पंचम दा के नाम से भी जाना जाता है, वैसे तो उनके काम से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं लेकिन आज इस खबर में हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। आप ये सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि कैसे कोई इतना क्रिएटिव सोच सकता है।
ये किस्सा 1982 में आई फिल्म ‘सत्ते पे सत्ता’ से जुड़ा है, ये फिल्म सुपरहिट थी और इसका म्यूजिक पंचम दा ने ही दिया था। इस फिल्म के गाने जैसे ‘प्यार हमें किस मोड़ पे ले आया’ और ‘दिलबर मेरे…’ बहुत मशहूर हुए थे और आज भी लोग इन्हें पसंद करते हैं। ‘दिलबर मेरे’ गाना किशोर कुमार ने गाया था और उनके साथ हेमा मालिनी को एनेट पिंटो नाम की सिंगर ने आवाज दी थी।
जलसा घर नाम के इंस्टाग्राम पेज पर इस फिल्म के खास म्यूजिक के बारे में बताया गया है। एनेट पिंटो ने जब ‘दिलबर मेरे’ गाना गाया तो कुछ दिन बाद आरडी बर्मन ने उन्हें कॉल किया और स्टूडियो बुलाया। उन्हें लगा कि उनसे फिल्म के और गाने भी गवाए जाएंगे, मगर कुछ अलग हुआ।
आरडी बर्मन ने सिंगर को पिलाया पानी और फिर बना म्यूजिक
जब एनेट पिंटो स्टूडियो पहुंचीं तो आरडी बर्मन ने उन्हें पानी का गिलास दिया और एक धुन पर गरारे करने को कहा। ये जानकर आपको थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा, मगर ये बात सच है। आरडी बर्मन की क्रिएटिवी इस लेवल की थी।
ऐसे बना था बाबू की एंट्री का म्यूजिक
आरडी बर्मन ने जब पिंटो को गरारा करने को कहा तो वो घबरा गईं, उन्हें लगा कि ऐसी आवाज किस गाने में इस्तेमाल होने वाली है, पर जब फिल्म में उनके गरारे की आवाज को फिल्म में लिया गया तो वो काफी दमदार लगा। याद हो फिल्म में अमिताभ बच्चन के डबल रोल बाबू की एंट्री होती है, जब वो जेल से बाहर आता है और जो धुन सुनने को मिलती है वो वास्तव में पानी के गरारे की है, मगर इससे ज्यादा बेहतरीन म्यूजिक आजतक नहीं बन पाया है।
फिल्म का डायरेक्शन राज एन सिप्पी ने किया था और इसमें अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी के साथ-साथ रंजीता कौर, शक्ति कपूर, सचिन पिलगांवकर, पेंटल, कंवलजीत सिंह और अमजद खान भी अहम रोल में थे।
बता दें कि आरडी बर्मन की सोच अपने म्यूजिक के लिए काफी अलग थी। वो ऐसी ऐसी चीज से धुन बना लेते थे जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा। एक बार उन्होंने बारिश की आवाज रिकॉर्ड करने के लिए बालकनी में बरसात की पूरी रात बिताई थी।