महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बंबई हाई कोर्ट को जानकारी दी कि उसने 2002 के हिट एंड रन मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान को सभी आरोपों से बरी करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि न्यायमूर्ति एआर जोशी के सलमान को बरी करने के 10 दिसंबर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की जाएगी। सत्र अदालत ने इस मामले में सलमान को दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी जिसे न्यायमूर्ति जोशी के पीठ ने पलट दिया था।

सरकारी वकील अभिनंदन वग्यानी ने पीठ को बताया कि विधि और न्याय विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने के लिए अभियोजन पक्ष को मंजूरी दे दी है। वग्यानी ने 2002 के हिट एंड रन मामले के पीड़ितों के लिए सलमान से मुआवजे की मांग वाली वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि अपील समयानुसार दायर की जाएगी।

अभिनेता हाई कोर्ट के निर्देशानुसार पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा जमा कर चुके हैं, लेकिन वागले की याचिका पर अब भी सुनवाई की जा रही है क्योंकि अदालत ने इसका दायरा बढ़ाकर दुर्घटना के मामलों में सजा बढ़ाने के मुद्दे को शामिल कर लिया है। सत्र अदालत ने छह मई को अभिनेता को गैरइरादतन हत्या सहित कई अपराधों का दोषी पाते हुए पांच साल के कैद की सजा दी थी। इस फैसले के खिलाफ सलमान हाई कोर्ट गए थे जिसने उन्हें बरी कर दिया।

अभियोजन के मुताबिक, 28 सितंबर 2002 को सलमान ने उपनगर बांद्रा में अपनी कार से एक बेकरी में टक्कर मार दी थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी जबकि चार अन्य घायल हुए थे। वागले की जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कुछ मुद्दे तय किए और सरकार से जवाब मांगे। पिछले हफ्ते, केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट को बताया था कि वह कानून में संशोधन करके सजा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इस बीच, कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और कानून विशेषज्ञों ने हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती देने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

* महाराष्ट्र सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि न्यायमूर्ति एआर जोशी के सलमान को बरी करने के दस दिसंबर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की जाएगी।