दिग्गज अभिनेत्री, भाजपा सांसद और धर्मेंद्र की दूसरी पत्नी हेमा मालिनी ने दिल्ली में दिवंगत सुपरस्टार के लिए एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया। उनका निधन 24 नवंबर को 89 साल की उम्र में हुआ था। परिवार के सदस्यों के अलावा, इस सभा में गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित कई जानी-मानी हस्तियां मौजूद थीं। अभिनेता रणजीत, कंगना रनौत और रवि किशन भी उपस्थित थे। सभी ने नई दिल्ली के जनपथ स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धांजलि भजनों के बाद हेमा ने धर्मेंद्र और उनकी यादों को के बारे में बात की और इस दौरान वह भावुक हो गईं। आंखों में आंसू लिए उन्होंने कहा,”इस प्रार्थना सभा में आप सभी का स्वागत करते हुए मैं बहुत भावुक महसूस कर रही हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे शोक सभा आयोजित करनी पड़ेगी, वह भी मेरे धर्म जी के लिए। पूरी दुनिया उनके निधन पर शोक मना रही है। लेकिन मेरे लिए यह एक असहनीय आघात है।”
उनकी बेटियां अहाना और ईशा सहारा देने के लिए उनके पीछे खड़ी थीं। हेमा ने कहा, “हमारी दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी। धरम जी के साथ मेरा रिश्ता 57 साल का था। जब मैंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, तो मुझे उन्हीं के साथ ज्यादातर फिल्में करने का मौका मिला। हमने 45 फिल्मों में साथ काम किया, जिनमें से 25 से ज्यादा सुपरहिट थीं। इंडस्ट्री और दर्शकों ने हमें एक हिट जोड़ी के रूप में बहुत प्यार दिया। हमारा प्यार सच्चा था, मुझे उनके बिना जीना सीखना होगा।”
धर्मेंद्र के साथ बिताई अपनी प्यारी यादों को याद करते हुए और उन्हें एक पवित्र आत्मा बताते हुए हेमा ने कहा, “वे बहुत हंसमुख और मिलनसार व्यक्ति थे। इतनी प्रसिद्ध हस्ती होने के बावजूद, उन्होंने कभी खुद को दूसरों से अलग नहीं समझा, हमेशा विनम्र रहे। वे एक पवित्र आत्मा थे।”
हेमा ने बताया कि परिवार ने धर्मेंद्र के निधन के कुछ सप्ताह बाद 8 दिसंबर को उनका 90वां जन्मदिन मनाया। उन्होंने कहा, “हमने उनका जन्मदिन मनाया, लेकिन हमारे साथ-साथ पूरा देश उन्हें याद कर रहा था।” उन्होंने आगे बताया कि समाज के हर वर्ग के लोग उनसे मिलने आते हैं और धर्मेंद्र को याद करते हैं।
हेमा ने यह भी बताया कि धर्मेंद्र अपनी उर्दू कविताओं से भरी एक किताब लिखना चाहते थे, लेकिन दुर्भाग्य से अपना सपना पूरा करने से पहले ही उनका देहांत हो गया। उन्होंने कहा, “उन्होंने अलग-अलग विधाओं में कई भूमिकाएं निभाईं, लेकिन मुझे पता है कि उन्हें कॉमेडी करना बेहद पसंद था। उन्हें कैमरे के सामने खड़े होने का बहुत शौक था। धरम जी में एक खास प्रतिभा थी जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते थे – उर्दू शायरी लिखना। चाहे कोई भी स्थिति हो, वे उस पर कविता सुना सकते थे। मैंने उनसे कहा था कि उन्हें अपनी उर्दू कविताओं की एक किताब लिखनी चाहिए, वे चाहते भी थे, योजना भी बन चुकी थी, लेकिन अब उनका यह सपना अधूरा रह जाएगा।”
