बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। बिहार के गोपालगंज में जन्मे एक्टर की गिनती आज एक सफल अभिनेता के रूप में की जाती है। लेकिन उनके लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। उन्होंने कड़ी मेहनत की है। उनका बचपन गरीबी में बीता है। एक्टर बनने के लिए उन्होंने बिहार से दिल्ली और फिर मुंबई तक का सफर किया है। कई सालों तक तो वो दिल्ली में रहे। ये सारी बातें उनके बर्थडे के मौके पर बता रहे हैं। चलिए बताते हैं…
दरअसल, पंकज त्रिपाठी आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं, लेकिन कागजी आधार पर। एक्टर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनका असली जन्मदिन 28 सितंबर को होता है। इसके पीछे का किस्सा सुनाते हुए उन्होंने बताया था कि उनके भैया जब उनका स्कूल में एडमिशन कराने गए थे तो उन्हें उनकी जन्म की तारीख याद नहीं थी केवल महीना सितंबर याद था। ऐसे में टीचर ने एक्टर के भाई से कहा था कि फिर 5 सितंबर ही डाल दें क्योंकि इस दिन टीचर्स डे होता है। तभी से उनका जन्मदिन 5 सितंबर को भी मनाया जाने लगा।
गांव में बनते थे लड़की
पंकज त्रिपाठी का बचपन से ही एक्टिंग में शौक था। ऐसे में अपनी रुचि की वजह से वो गांव में होने वाले नाटकों में लड़की का किरदार निभाते थे। अब उनके लड़की वाले रोल को लोग काफी पसंद करते थे। बताया जाता है कि पंकज इतना बेहतरीन रोल अदा करते थे कि लोग उन्हें बॉलीवुड एक्ट्रेसेस के लिए खतरा बताने लगे थे। लेकिन जब एक्टर बड़े हुए तो उन्होंने थिएटर का रुख किया और ये सब छोड़ दिया। उनके पिता उन्हें पैसे नहीं देते थे। क्योंकि उन दिनों घर की आर्थिक हालत कुछ ज्यादा ठीक नहीं थी।
होटल में करते थे काम
पंकज त्रिपाठी जब बड़े हुए तो उन्होंने अपने सपनों को पंख देने के लिए कड़ी मेहनत करना शुरू कर दिया और थिएटर ज्वॉइन कर लिया। घर से इसके लिए पैसे नहीं मिल पाते थे। ऐसे में एक्टर अपना खर्च खुद चलाने के लिए दिन में थिएटर करते थे तो रात में होटल में काम करना शुरू कर दिया था। पंकज के पिता जी चाहते थे कि वो एक डॉक्टर बनें, इसलिए उन्हें पढ़ने के लिए बाहर जाने को कह दिया था। लेकिन एक्टर ने इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट में दाखिला लिया और इस दौरान ही थिएटर से जुड़ गए। एक्टिंग को निखारने के दौरान होटल में कुक की नौकरी की। दो साल तक होटल में काम किया। इसके बाद दिल्ली आ गए और ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ में एडमिशन ले लिया। यहां कई सालों तक एक्टिंग स्किल्स को निखारते रहे।
‘रन’ से मिला पहला ब्रेक
पंकज त्रिपाठी दिल्ली के बाद मुंबई चले गए और फिर यहां उन्होंने काम पाने के लिए काफी स्ट्रगल किया। उन्हें पहला ब्रेक फिल्म ‘रन’ से मिला। इसमें उनका एक छोटा सा रोल किया था। इसमें उनके काम पर किसी की नजर नहीं पड़ी। इसके बाद उनकी किस्मत खुली फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से। इसमें उनके किरदार को खूब सराहा गया। फिर बड़े स्तर पर सफलता वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ से मिली। इसमें वो कालीन भैया के किरदार से हिट हो गए और आज बड़े पर्दे पर छा गए।