Happy Birthday Kajol: बॉलीवुड की सिमरन यानी काजोल को जब पहली फिल्म ऑफर हुई तो वह महज 16 साल की थीं। उस वक्त काजोल स्कूलिंग कर रही थीं। मशहूर अभिनेत्री तनुजा मुखर्जी की बेटी काजोल को फिल्मों से उब होती थी। जब वह कभी मां के साथ फिल्मी सेट पर जाती थीं तो काफी बोर हो जाया करती थीं। यही कारण रहा कि वह फिल्मों में नहीं आना चाहती थी। उन्हें फिल्मों से उब सी हो गई थी। लेकिन जिस खानदान की 4 पीढ़ियां फिल्मों से जुड़ी रही हों उसकी राह भला जुदा कैसे हो सकती है। तो पहली फिल्म मिल गई, बेखुदी। फिल्म बेखुदी मिलने का किस्सा भी कम दिलचस्प नहीं है।

दरअसल काजोल अपनी एक दोस्त के साथ पोर्टफोलियो शूट कराने गई थीं। दोस्त के मेकअप के दौरान ही काजोल का भी मेकअप कर दिया गया। मेकअप करने वाले थे मशहूर मेकअप आर्टिस्ट मिक्की कॉन्ट्रेक्टर। मेकअप कराने को काजोल राजी नहीं थी लेकिन मां तनुजा के कहने पर ऐसा हुआ। फोटो शूट हुआ और काजोल को बेखुदी मिल गई। फिल्म के हीरो थे सैफअली खान। इसे डायरेक्ट कर रहे थे राहुल रवैल। फिल्म शुरू हुई लेकिन बीच में ही सैफअली खान ने फिल्म छोड़ दी। सैफअली खान के फिल्म छोड़ने के बाद उनकी जगह कमल सदाना काजोल के हीरो बने। 1992 में रिलीज हुई यह फिल्म वैसे तो फ्लॉप हो गई, लेकिन काजोल बॉलीवुड की हो गईं थीं। कम लोग ही जानते होंगे कि इस फिल्म में काजोल की मां ने रील मां की भूमिका निभाई थी।

इस दौर में श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, रवीना टंडन और दिव्या भारती जैसी ग्लैमरस एक्ट्रेस का बोलबाला था। वहीं काजोल को सजना संवरना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। इस दौरान काजोल अपनी ही दुनिया में रमी थीं। छोटी सी उम्र वाली काजोल को फिर ऑफर हुआ अब्बास मस्तान की फिल्म बाजीगर। अब्बास मस्तान को कहीं से पता चला था कि तनुजा जी की बेटी है, काजोल जो बहुत अच्छी है। काजोल से मिलने अब्बास मस्तान पहुंच गए तनुजा जी के घर। तब अब्बास मस्तान फिल्म खिलाड़ी के डायरेक्टर के तौर पर जाने जाते थे।

अब्बास मस्तान काजोल की मां से बातें करने के बाद काजोल के बारे में पूछा। काजोल जब अब्बास मस्तान के सामने आई तो वह एक सुर में बोलते गईं। काजोल के इस रूप को देख उन्होंने वहीं बाजीगर के लिए चुन लिया। 1993 में रिलीज हुई इस फिल्म ने काजोल को बॉलीवुड में स्थापित कर दिया। फिल्म हिट हो गई। फिल्मों से दूरी बनाए रखने वाली काजोल यह फिल्म नहीं करना चाहती थी। लेकिन पिता के ज्यादा फोर्स करने पर वह इस फिल्म को करने के लिए राजी हुईं।

फिर साल 1995 में फिल्म आई दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ने इतिहास रच दिया। इस फिल्म के बाद घर-घर में राज सिमरन मिलने लगे। इसके बाद शाहरुख और काजोल की जोड़ी कई हिट फिल्में दीं जिसके बाद दोनों को लेकर फिल्में बनाने वालों की लाइन लग गई। 1998 में कुछ कुछ होता है, 2001 में कभी खुशी कभी गम जैसी फिल्मों में काजोल-शाहरुख की जोड़ी ने लोगों की निगाह मे एक अलग जगह बना ली थी। इस दौरान अपने करियर के पीक पर होते हुए काजोल ने अपने लंबे समय से ब्वॉयफ्रेंड रहे अजय देवगन से शादी कर ली।

बता दें कि काजोल की मां तनुजा ने साल 1960 में छबीली फिल्म के जरिए बॉलीवुड में एंट्री मारी थी। इस फिल्म में उनके साथ उनकी बहन नूतन ने भी काम किया था। नूतन और तनुजा ने अपनी मां शोभना समर्थ की विरासत को आगे बढ़ाया। और शोभना अपनी मां रतनबाई की विरासत को आगे बढ़ाया था। रतनबाई 1940 के दशक की मशहूर अभिनेत्री रही हैं। शोभना समर्थ उस जमाने की पहली ऐसी एक्ट्रेस थीं जो बिकिनी पहनकर पर्दे पर सनसनी मचा दी थी। काजोल के दादा शशिधर मुखर्जी फिल्मालय स्टूडियो के संस्थापक रहे हैं। शशिधर मुखर्जी की शादी दादामुनी यानी अशोक कुमार की बहन सती रानी गांगुली से हुई थी। काजोल के दादा के 5 बेटे थे। रोनो मुखर्जी, जॉय मुखर्जी, देव मुखर्जी, शुबीर मुखर्जी और शोमू मुखर्जी। काजोल की चार पीढ़ियां बॉलीवुड से जुड़ी रही हैं।