जेएनयू को अपना समर्थन व्यक्त करते हुये गीतकार एवं फिल्मकार गुलजार ने कहा है कि जब वह देश के युवाओं को असहमति में अपनी आवाज बुलंद करते देखते हैं तो वह खुद को ‘सुरक्षित’ महसूस करते हैं। जेएनयू में जारी विवाद के बारे में पूछे जाने पर गुलजार (81) ने कहा कि उन्हें लगता है कि युवा देश की उम्मीद हैं। स्प्रिंग फीवर 2016 से इतर गुलजार ने कहा, ‘‘अपने सेंट स्टीफन्स (कॉलेज) के दिनों में हमने रूसी क्रांति पर किताबें पढ़ी और अगर आज भी क्रांति और असहमति की आवाज उठायी जा रही है तो यह केवल युवाओं के तरफ से हो रही है। यह जेएनयू की तरफ से है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘जब मैं इन युवाओं को देखता हूं तो आश्वस्त होता हूं। मुझे लगता है कि मैं और मेरा देश सुरक्षित है।’’
चर्चा के दौरान गीतकार ने खुलासा किया कि ‘बंटी और बबली’ फिल्म की उनकी गीत ‘कजरारे’ वास्तव में ‘ट्रक शायरी’ से प्रेरित था। किताबों पर एक पैनल चर्चा के दौरान गुलजार ने कहा, ‘‘अगर आप गीत में इस्तेमाल पंक्तियों को याद करेंगे तो यह ऐसा लगता है जैसे ट्रकों पर लिखी लाइनें हैं।’’ इससे पहले गुलजार ने शाहरुख खान की फिल्म ‘दिल से’ की हिट गीत ‘छैय्यां छैय्यां’ भी लिखा था।