टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार के आकस्मिक निधन ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर दिया था। इसमें ये कहना भी गलत नहीं होगा कि गुलशन कुमार को इस बारे में शायद पहले भी पता हो कि उन पर हमला हो सकता है क्योंकि उन्हें लगातार धमकीभरे फोन आ रहे थे। फोन आने का सिलसिला शुरू हुआ था फिरौती की रकम मांगने से। उन दिनों मुंबई में अंडरवर्ल्ड का राज हुआ करता था और कई बड़े व्यापारियों से ये वसूली की जाती थी।

खोजी पत्रकार हुसैन जैदी ने अपने बुक My Name is Abu Salem में भी इसका जिक्र किया है। हुसैन लिखते हैं, गुलशन कुमार उन दिनों बड़ा नाम बन चुके थे। टी-सीरीज जैसी कंपनी के मालिक होने के कारण उन पर अंडरवर्ल्ड की निगाह पड़ गई थी। इसी कारण डॉन अबु सलेम ने गुलशन कुमार ने फोन कर 10 करोड़ रुपए फिरौती मांगी थी, लेकिन गुलशन कुमार ये पैसे नहीं देने पर अड़े हुए थे और उन्होंने साफ इससे इनकार भी कर दिया था।

अबु सलेम के फोन करने का सिलसिला यहीं नहीं रुका और उन्हें लगातार ऐसे धमकी वाले फोन आते रहे। बावजूद इसके भी वह नहीं डरे और अपनी बात अटल रहे। एक बार तो गुलशन कुमार ने अबु सलेम को फोन पर कह दिया था- इतने रुपए देकर तो मैं वैष्णो देवी में भंडारा करा दूंगा। गुलशन कुमार की इस बात को सुनकर अबु सलेम काफी नाराज हो गया था और उसने इसके बाद ही गुलशन कुमार को मारने का प्लान बनाया था।

इस बात का जिक्र मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने भी एक इंटरव्यू में किया था। राकेश ने बताया था कि उन्हें इस बात की जानकारी पहले मिली तो थी। उनके मुखबिर ने बताया था कि गुलशन कुमार का विकेट गिरने वाला है। जब मैंने उससे पूछा था कि विकेट कौन लेगा तो उसने कहा था अबु सलेम। उसने अपने शूटर के साथ सब प्लान नक्की किया है। गुलशन कुमार रोज सुबह घर से निकलकर एक मंदिर जाते हैं वहीं पर उसका काम खत्म करने वाले हैं।

हालांकि इससे पहले पुलिस डिपार्टमेंट कोई बड़ा फैसला ले पाती 12 अगस्त 1997 को अबु सलेम के शूटर राजा ने दिन-दिहाड़े मुबंई के जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर गुलशन कुमार की हत्या कर दी। गुलशन पर 10 से ज्यादा गोलियां चलाई गई थीं और उन्होंने मौके पर ही निधन हो गया था। गुलशन कुमार की मौत के बाद पुलिस पर भी कई सवाल उठे और अबु सलेम की तलाश शुरू हुई, लेकिन वह मुंबई से भाग निकला और बाद में उसे गिरफ्तार कर भारत लाया गया।