मोदी सरकार ने रेल, ट्रांसमिशन लाइन, टेलीकॉम टॉवर, गैस पाइपलाइन, हवाई अड्डों, पीएसयू समेत कई सरकारी कंपनियों की संपत्तियों को बेचने या लीज पर देने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने इन संपत्तियों की बिक्री से 60 खरब रुपये जुटाने का रोडमैप तैयार किया है। सोशल मीडिया पर सरकार के इस फैसले पर बहस दिख रही है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी मोदी सरकार के इस फैसले पर तंज कसा है।
पुण्य प्रसून बाजपेयी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘सड़क, रेल, बंदरगाह, एयरपोर्ट, पॉवर, गैस, गोदाम..अपनी ही क़ीमत लगाकर देश बेचने में मशगूल सत्ता! बाजपेयी ने अपना एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें वे कह रहे हैं, ‘सोने की चिड़िया तो है भारत, कीमत लगाइएगा तो आंखें चौंधिया जाएंगी और अगर समूचे भारत की ही कोई कीमत लगाने लग जाए तो यकीन मानिए वह दुनिया में सबसे अमीर शख्स होगा। इस दौर का अनूठा सच है कि हर चीज को मॉनटाइज कर दो।’
बाजपेयी आगे कहते हैं- ‘जहां गरीबी है, जहां भूख है, मौत है… वहीं से सबसे ज्यादा कमाई कॉरपोरेट की है। वहीं से चुने जाने वाले सांसद रईस होते हैं। देश के दो बड़े स्टेडियम, उनकी कीमत 11 हजार करोड़ रुपए है। इस देश के लगभग 9 पोर्ट्स और उसके इर्द गिर्द का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर कीमत है 13 हजार करोड़ रुपए..।’
बाजपेयी ने कहा- ‘देश के 25 एयरपोर्ट कीमत 21 हजार करोड़ रुपए। किसानों का अनाज रखने के लिए गोदामों की कीमत 29 हजार करोड़ रुपए। टेलीकॉम सेक्टर, भारत नेट सर्विस की कीमत 39 हजार करोड़ रुपए। गैस पाइप लाइन की कीमत 46 हजार करोड़ है। देश में पावर ट्रांसमिशन है, पॉवर जनरेशन है… 1 लाख करोड़ रुपए कीमत।’
रेलवे से लेकर नेशनल हाइवेज का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा- ‘रेल में 400 स्टेशन, डेढ़ हजार रेल गाड़ियां, रेलवे ट्रैक कीमत तकरीबन डेढ लाख करोड़ रुपए। सड़कों में नेशनल हाइवे तकरीबन 26 से 27 हजार किलोमीटर अगर प्राइवेट सेक्टर को दे दिया जा रहा है तो उसकी कीमत है करीब 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए। इन सबको जोड़कर करीब साढ़े 5 लाख से साढ़े 6 लाख करोड़ की रकम पड़ेगी। ये सब मॉनटाइजेशन की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं। इस पर सरकार तेजी से काम कर रही है।’
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए बाजपेयी ने सवाल किया- ‘सरकार अपनी तरफ से कुछ भी चलाना नहीं चाहती, सरकार चाहती है, सब कुछ बेच दिया जाए। लेकिन फिर इस देश के भीतर सरकार का काम क्या है? फिर सरकार किस काम के हिसाब से देश में वोट पा लेती है?’ बता दें, मोदी सरकार पहले ही जीवन बीमा निगम, भारत पेट्रोलियम, एयर इंडिया बेचने की योजना तैयार कर चुकी है। अब सड़क, रेल, बंदरगाह जैसी सरकारी संपत्तियों की बिक्री को अगले चार सालों के दौरान अमल में लाए जाने की योजना है।