महाभारत के एक्टर और FTTI के पूर्व चेयरमैन गजेंद्र चौहान सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वे तमाम समसामयिक मुद्दों पर अपनी राय रखते रहते हैं। ताजा मामला उनकी एक पोस्ट से जुड़ा है। एक्टर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- ‘जब 216 सीट थी, तो रामसेतु काल्पनिक है, 44 पर आये तो पूजा करने लगे, अब इनको 4 पर भेज दो, चिल्लाते नजर आएंगे “जय श्री राम”।

इससे पहले गजेंद्र चौहान ने ममता बनर्जी को लेकर भी एक पोस्ट किया था। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए अपनी पोस्ट में एक्टर ने लिखा- ‘बंगाल में रामराज्य स्थापित हो चुका है, अब तो लगता है ममता दीदी भी 2 मई तक राम राम करती नजर आएगीं।’

गजेंद्र चौहान की इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर तमाम यूजर्स भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सोनू दुबे नाम के यूजर ने गजेंद्र के इस पोस्ट पर कमेंट कर लिखा- सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर की ट्वीट की जांच कराने वाले मगरमच्छ, 100 करोड़ की जांच से इनकार क्यों कर रहे हैं?’ अविनाश कुमार नाम के यूजर ने लिखा- ‘कांग्रेस का तो इतिहास है, जिस भी पार्टी से गठबंधन किया उसी को खा गई। 1977 में पहली बार जनता पार्टी से गठबंधन किया था। तब से यह सिलसिला जारी है। यूपी में समाजवादी पार्टी को खत्म करने के बाद अब महाराष्ट्र में शिवसेना की बारी है।’

प्रवीण तिवारी नाम के यूजर ने लिखा- ‘चार नहीं सर, अबकी जीरो होगा।’ संदीप पटवाल नाम के यूजर ने लिखा- ‘कसाब मुंबई तक ऐसे ही नहीं आ जाता साहेब 100-100 करोड़ में बिकने वाले नेता उन्हें यहा तक लाते हैं।’ अनवय नाम के यूजर ने कहा- ‘आप तो कांग्रेस को ही काल्पनिक बना डालेंगे लगता है।’

सागर नाम के यूजर ने लिखा- जब शून्य पर आ जायेंगे तो सीधा हिमालय जाकर तपस्या में लीन हो जायेंगे। दिग्योगी नाम के यूजर बोले- चार पर भेजेंगे तो खुद नया रामसेतु बनाएंगे। एक यूजर ने कहा- 4 पर तो ये नागा साधु बन जाएंगे। कृष्णचंद्र नाम के यूजर ने कहा- 4 बहुत हैं, 2 सीटों पर आने दो, मंदिर की चौखट पर नाक रगड़ेंगे।

ममता बनर्जी को लेकर किए गए गजेंद्र चौहान के पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट कर कहा- बंगाल चुनाव में हिंदुत्व के ज़ोर ने राजनीतिक पार्टियों को असमंजस में डाल दिया है। उन्हें अपनी पूरी रणनीति बदलनी पड़ रही है और वक़्त काफी कम बचा है। हिंदुत्व पहली बार बंगाल के चुनाव के केंद्र में आ चुका है। अलका नाम की यूजर ने कहा-हां, अगर कर भी लेती हैं राम-राम तो तुमको क्या दिक्कत है?